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राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल, लेकिन अंगदान में पीछे

संभागायुक्त ने ली अंगदान समिति की बैठक, एमवायएच में अंगदान के लिए करें प्रेरित  

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एमवायएच

एमवायएच

इंदौर. इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन की बैठक में संभागायुक्त एमवाय अस्पताल में अंगदान नहीं होने पर आश्चर्य जताते हुए सामाजिक संस्थाओं के साथ तालमेल बिठाकर इस काम को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।

संभागायुक्त कार्यालय पर सोमवार को हुई बैठक में पद्मश्री जनक पलटा, एमजीएम मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. ज्योति बिंदल, डॉ. एडी भटनागर, एमवाय अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर सहित वि‍भिन्न निजी अस्पतालों और स्वैच्छिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे। संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने कहा, अंगदान करने वाले परिवारों का सम्मान कर समाज में जागरूकता के लिए इसी माह से आयोजन शुरू कर वर्ष भर का कैलेंडर बनाएं। समीक्षा में पाया कि एमवाय हॉस्पिटल के ट्रामा सेंटर में ऐसे प्रकरण सबसे अधिक रहते हैं, जहां अंगदान की संभावना होती है। समन्वय के अभाव में अंगदान के लिए परिजन को प्रेरित नहीं किया जाता। उन्होंने कहा, अंगदान के लिए कार्य कर रही संस्थाओं और काउंसलर के साथ अस्पताल का बेहतर तालमेल होना चाहिए। इस संबंध में कोर ग्रुप बनाने और त्वरित सूचना देने के निर्देश दिए। पद्मश्री जनक पलटा ने कहा, मुक्तिधाम और उठावना स्थलों में इस संबंध में पोस्टर चस्पा किए जाएं। जागरूकता के लिए सभी धार्मिक संस्थाओं को शामिल करें।

सोटो की वेबसाइट जल्द होगी शुरू
डीन डॉ. बिंदल ने बताया, अंगदान के लिए एसओटी (सोटो) वेबसाइट का निर्माण प्रगति पर है। जल्द सोटो कार्यालय भी शुरू करने के प्रयास हैं। संभावित अंग प्राप्तकर्ताओं की प्रतीक्षा सूची का सत्यापन कॉलेज की प्राधिकार समिति ने पूरा कर लिया है। नए पंजीयन वेबसाइट पर संधारण समिति से सत्यापन पश्चात महाविद्यालय स्तर से संपन्न किए जा रहे हैं। एमवायएच में संभावित ब्रैन डेथ प्रमाणीकरण व अंग रिट्रीवल समितियां गठित हो चुकी हैं। आज तक कुल 37 ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण कर अंगदान में प्राप्त कुल 220 अंग व ऊतक प्रत्यारोपित किए जा चुके हैं। अब तक एमवाय में एक ही मरीज का रिट्रिवल हुअा है, वह भी िनजी अस्पताल से यहां लाकर।