
इंदौर. प्रदेश के चर्चित भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में सोमवार को जिला कोर्ट में सुवनाई हुई। अपर सत्र न्यायाधीश महेंद्र कुमार जैन के समक्ष महाराज की दूसरी पत्नी आयुषी का करीब दो घंटे तक आरोपियों के वकील की ओर से प्रतिपरीक्षण किया गया। सुबह 11.30 से दोपहर 1.30 बजे तक चले प्रतिपरीक्षण के बाद आयुषी की ओर से कोर्ट में जानकारी दी गई कि उनके दादाजी का ग्वालियर में निधन हो गया है, इसलिए उन्हें वहां जाना होगा। कोर्ट ने अधूरे प्रतिपरीक्षण के बीच उन्हें जाने की अनुमति दी। कोर्ट ने 5, 9 और 10 फरवरी को अगली सुनवाई के आदेश दिए हैं।
प्रतिपरीक्षण के दौरान आयुषी ने कहा, 25 जनवरी 2017 को जब उनकी महाराज के साथ शादी हुई थी, उसके बाद आरोपी पलक कभी उनके घर नहीं आई। महाराज की मौत के बाद जो उनका सुसाइड नोट मिला, वह अंग्रेजी में था। आयुषी का कहना था, वे कभी अंग्रेजी में कुछ नहीं लिखते थे, सिर्फ हस्ताक्षर अंग्रेजी में किया करते थे। 12 जून 2018 को महाराज की मौत के 6 महीने बाद उन्हें ब्लैकमेल करने की जानकारी पुलिस को देने से जुड़े सवाल पर वे बोलीं- हमने महाराज की इज्जत और ट्रस्ट के भरोसे के चलते बयान नहीं दिए थे। हमें महाराज की इज्जत सबसे अधिक प्यारी थी।
मौत के करीब 6 महीने बाद कैलाश पाटिल की गिरफ्तारी और उसके विवादित बयानों को लेकर आयुषी ने कहा, मैंने अखबारों में पढ़ा था। महाराज की सबसे बड़ी कमजोरी उनकी बीमारी थी, वह समझ में नहीं आ रही थी, इसलिए हम परेशान थे। मनोचिकित्सक से उनके इलाज से जुड़े प्रश्न पर आयुषी ने कहा, उनका इलाज डॉ. पवन राठी करते थे, मैं यह नहीं जानती कि वे मनोचिकित्सक हैं। मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी को होगी, जिसमें कैलाश पाटिल और एएसआइ दिनेश कुमार के बयान होंगे।
Published on:
02 Feb 2021 09:56 am
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