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Patrika Raksha Kavach Abhiyan: गांवों में जागरुकता अभियान, लोकल भाषा के वीडियो बनाकर किया जा रहा अलर्ट

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: लोगों को साइबर क्राइम से बचाने के लिए ‘पत्रिका रक्षा कवच अभियान’ देशभर के शहरों के साथ तहसील और ग्रामीण स्तर पर भी चलाया जा रहा है।

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Patrika Raksha Kavach Abhiyan

Patrika Raksha Kavach Abhiyan

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: पूरे देश में साइबर क्राइम लगातार बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश साइबर क्राइम का गढ़ बनता जा रहा है। यहां ग्रामीण इलाकों में अधिकांश जनता तकनीकी रूप से दक्ष नहीं होती जिसके कारण साइबर ठग फर्जी ओटीपी या लिंक से उनके खातों में सेंध लगा देते हैं।

इन सब से बचाने के लिए ‘पत्रिका रक्षा कवच अभियान’ देशभर के शहरों के साथ तहसील और ग्रामीण स्तर पर भी चलाया जा रहा है। इंदौर रूरल रेंज डीआइजी निमिष अग्रवाल ने भी अभियान की सराहना की है। पत्रिका से डीआइजी ने साइबर फ्रॉड को लेकर विशेष चर्चा की है।

पत्रिका ‘रक्षा कवच’ अभियान को बताया आज की जरूरत

प्रश्न: ग्रामीण जनता को साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए क्या ठोस कदम उठा रहे हैं?

उत्तर: ग्रामीण क्षेत्रों में अवेयरनेस लेवल कम होता है। अंचल की लोकल भाषा में वीडियो बनवाकर ग्रामीण जनता को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक किया जा रहा है। अवेयरनेस के वीडियो बनवाने में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की मदद भी ले रहे हैं। स्कूल-कॉलेज में वॉल पेंटिंग से भी युवा वर्ग को जागरूक कर रहे हैं।

प्रश्न: तकनीकी रूप से इंदौर ग्रामीण पुलिस कितनी दक्ष है?

उत्तर: तकनीकी रूप से इंदौर ग्रामीण पुलिस बहुत ताकतवर है। देहात क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे का कवरेज लगातार बढ़ रहा है। मुखबिर तंत्र के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार कार्रवाई होती रहती है।

प्रश्न: पिछले कुछ सालों में प्रदेश में बच्चों के अपहरण के मामले बढ़े हैं, ऐसे क्राइम पर लगाम लगाने के लिए क्या एक्शन प्लान है?

उत्तर: नाबालिग बच्चों और खास तौर पर बालिकाओं के अपहरण की वारदातों में हम ख़ास तौर पर स्कूलों में जाकर बच्चों को सुरक्षा के प्रति आगाह कर रहे हैं।

काफी केसेस ऐसे भी हैं जिसमें बच्चे किसी के भी बहकावे में आकर चले गए हैं। हम उन क्षेत्रों का मैप बनाते हैं जहां ऐसी घटनाएं सबसे अधिक होती हैं। फिर वहां बालिकाओं को जागरूक किया जाता है। ऐसे केस में एफआइआर के बाद की कार्रवाई क़ानूनी रूप से चलती रहती है।