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PG Syllabus : बदलेगा पीजी का सिलेबस, अगले सत्र से होगा लागू

PG Syllabus will change विद्यार्थियों को रोजगार के लिए बेहतर तरीके से तैयार करने और इंडस्ट्री की मांगों को ध्यान में रखते हुए डीएवीवी ने पीजी पाठ्यक्रमों के सिलेबस को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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PG Syllabus : विद्यार्थियों को रोजगार के लिए बेहतर तरीके से तैयार करने और इंडस्ट्री की मांगों को ध्यान में रखते हुए डीएवीवी ने पीजी पाठ्यक्रमों के सिलेबस को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आठ साल बाद हो रहे बदलाव के तहत एम कॉम, एमएससी सहित अन्य पीजी पाठ्यक्रमों में कई नए टॉपिक जोड़े जाएंगे। विवि बोर्ड ऑफ स्टडीज की जनवरी में बैठक आयोजित करेगा, जिसमें सिलेबस संशोधन को मंजूरी दी जाएगी।

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मार्च-अप्रेल तक सिलेबस(PG Syllabus) में बदलाव का काम पूरा कर लिया जाएगा और नए शैक्षणिक सत्र से इसे लागू करने की योजना है। अधिकारियों का कहना है कि बदलाव का उद्देश्य विद्यार्थियों को न केवल रोजगार के लिए तैयार करना है, बल्कि उन्हें इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुरूप कुशल बनाना है। सिलेबस में नए टॉपिक शामिल करने के लिए इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की राय ली जाएगी। जरूरत पड़ने पर लैक्चर देने के लिए बुलाया जाएगा, ताकि विद्यार्थी इंडस्ट्री की प्रैक्टिकल जानकारी और अनुभव ले सकें। परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी ने कहा, कुछ विषयों में एक या दो टॉपिक बदले जाएंगे। हमारा फोकस ऐसे बदलाव पर है, जिससे विद्यार्थी कोर्स के बाद सीधे इंडस्ट्री में काम करने के लिए तैयार हों।

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पाठ्यक्रम बनेगा रोजगारपरक

डीएवीवी ने फैसला ऐसे समय में लिया है, जब इंडस्ट्री और शिक्षा के बीच तालमेल की जरूरत महसूस की जा रही है। नए बदलावों के तहत सिलेबस(PG Syllabus) को ऐसे डिजाइन किया जाएगा कि विद्यार्थी पढ़ाई के दौरान ही इंडस्ट्री की मांगों को समझें और उनका सामना करने को तैयार रहे। बोर्ड ऑफ स्टडीज द्वारा प्रस्तावित सिलेबस को अंतिम मंजूरी मिलने के बाद इसे अगले सत्र से लागू किया जाएगा।

नए टॉपिक्स से बढ़ेगी रोजगार की संभावना

नए सिलेबस का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि विद्यार्थी इंडस्ट्री की नवीनतम आवश्यकताओं को समझ सकेंगे। इससे उन्हें नौकरी पाने में आसानी होगी और बेहतर वेतन के अवसर मिलेंगे। अधिकारियों ने यह भी बताया कि बदलाव का उद्देश्य केवल जानकारी को ताजा करना नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों को रोजगार की दृष्टि से अधिक प्रासंगिक बनाना है।