
एडमिशन प्रक्रिया पर उठे सवाल, रातोंरात बदली मेरिट
इंदौर. देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी (डीएवीवी) की सीईटी रद्द होने के बाद भी बवालों का सिलसिला जारी है। आरक्षण लागू करने में हुई लापरवाही सुधारने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि एडमिशन प्रक्रिया आसानी से निपट जाएगी, लेकिन अब अंकों के आधार पर जारी मेरिट पर नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। कई विद्यार्थियों की मेरिट रातों रात बदल दी गई। एडमिशन सेल तक शिकायतें पहुंचीं तो उन्होंने इस मामले को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। देर शाम कुलपति ने मेरिट को लेकर रिपोर्ट तलब की है।
23 जुलाई को ऑनलाइन सीईटी के दिन से ही यूनिवर्सिटी में भारी उथल-पुथल चल रही है। एडमिशन के लिए 14 अगस्त तक का ही समय होने के कारण यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने सीईटी के बजाय क्वालिफाइंग परीक्षा और आरक्षण पर एडमिशन की घोषणा की। इसके लिए करीब 7800 विद्यार्थियों ने आवेदन किए। इनकी मेरिट सोमवार को जारी होना थी। दिनभर छात्रों ने इंतजार किया। सोमवार रात को यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर मेरिट घोषित की गई। विद्यार्थियों ने ताबड़तोड़ अपनी स्थिति देखी और स्क्रीन शॉट भी लिए। इनमें से कुछ ने मंगलवार सुबह फिर से मेरिट जांची तो उनके होश उड़ गए। सोमवार को वे मेरिट में जिस स्थान पर थे, उससे 2 से लेकर 10 पायदान तक वे खिसक गए। एडमिशन सेल में इसकी शिकायत की गई तो जिम्मेदारों ने शिकायत सिरे से खारिज कर दी।
मेरिट बदलकर कर दी धांधली
मेरिट में पिछडऩे से नाराज विद्यार्थियों ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एक छात्र का कहना है, सीईटी वाले दिन से ही हमारे भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। पहले मनमानी कर सीईटी र² की गई और अब मेरिट बदलकर धांधली की। इससे अच्छा होता कि यूनिवर्सिटी सीटों की बोली लगा देती। एक अन्य छात्र ने नाराजगी जताते हुए बताया, ड्रॉप लेकर सीईटी की तैयारी की थी। पूरी उम्मीद थी कि इस बार एमबीए में एडमिशन मिलेगा। समझ नहीं आ रहा कि एक ही रात में मेरिट कैसे बदल गई। शंका है कि रिकॉर्ड में हेरफेर कर ज्यादा अंक वालों के नाम बाद में जोड़े गए।
मेरिट जारी करने से पहले ट्रायल हुआ था। पूरी तरह आश्वस्त होने के बाद ही सोमवार रात करीब साढ़े 9 बजे मेरिट जारी हुई। इससे पहले यूआरएल के जरिए किसी ने ट्रायल वाली मेरिट देख ली होगी।
-प्रो.चंदन गुप्ता, मीडिया प्रभारी, डीएवीवी
एडमिशन प्रक्रिया में नियमों का बारीकी से ध्यान रखा जा रहा है। अधिकारियों व प्रोफेसरों को सख्त निर्देश हैं कि कोई गड़बड़ी न होने दी जाए। मेरिट में अंतर की बात संज्ञान में आते ही पूरी रिपोर्ट तलब की है।
-प्रो. रेणु जैन, कुलपति
Published on:
07 Aug 2019 12:54 pm
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