
हृदयनाथ मंगेशकर की बेटी और लता मंगेशकर की भतीजी
इंदौर। भारत रत्न विश्वविख्यात गायिका लता मंगेश्कर की भतीजी राधा मंगेश्कर को प्लेबैक सिंगिंग से लगाव नहीं है. इंदौर में एक कार्यक्रम में प्रस्तुति देने आईं हृदयनाथ मंगेशकर की बेटी और लता मंगेशकर की भतीजी राधा ने स्पष्ट कहा- पार्श्व गायन में मुझे आनंद नहीं आता। राधा मंगेशकर ने शास्त्रीय संगीत के बारे में भी अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में शास्त्रीय संगीत के श्रोता महज एक प्रतिशत ही बचे हैं.
राधा मंगेशकर अभय प्रशाल स्पोर्ट्स के तत्वावधान में 24 जून को आयोजित सुरीले गीतों भरी शाम कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुति देंगी. कार्यक्रम लाभ मंडपम रेसकोर्स रोड पर शाम 6.30 बजे से प्रारंभ होगा। यहां राधा सदाबहार गीतों की प्रस्तुति देंगी। उनके अतिरिक्त पुणे के विनोद सुर्वे और शहर के स्थानीय कलाकार भी यहां प्रस्तुति देंगे।
कार्यक्रम में प्रस्तुति देने गुुरुवार को शहर आईं राधा ने प्रेस क्लब में मीडिया से चर्चा की. यहां वे मंगेशकर परिवार से जुड़े प्रश्नों के उत्तर देने से कतराती रहीं। लता मंगेशकर से जुड़े प्रश्नों को वे निजी प्रश्न कहकर टाल गईं। यहां उन्होंने कहा कि वे संगीत के क्षेत्र में मंगेशकर परिवार की वारिस होने का दबाव कभी भी महसूस नहीं करती। राधा मंगेशकर का कहना है कि अच्छा गाने का दबाव तो लोग ही डालते हैं लेकिन मैं इसे महसूस नहीं करती। यदि दबाव महसूस करती तो संगीत कब का छोड़ चुकी होती।
पार्श्व गायन में भी मुझे ज्यादा मजा नहीं आता- उन्होंने बताया कि मैंने संगीत की दुनिया में शास्त्रीय संगीत की शिक्षा से कदम रखा लेकिन अब सुगम संगीत की ही मंचीय प्रस्तुति देती हूं। आज के दौर में शास्त्रीय संगीत के श्रोता केवल एक प्रतिशत ही हैं। संगीत मेरा प्रोफेशन है और यदि मैंने लोगों की पसंद के अनुरूप नहीं गाया तो मुझे भला कौन सुनेगा, कौन कार्यक्रमों में बुलाएगा। इसलिए मैं शास्त्रीय गायन नहीं करती। पार्श्व गायन में भी मुझे ज्यादा मजा नहीं आता।
Published on:
23 Jun 2022 09:14 pm
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