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इंदौर

Rang Panchami 2024: 75 साल की परम्परा में रंगे नजर आए सीएम, यहां से निकली सबसे पुरानी गेर

Rangpanchami Ger Mahotasav 2024 : गेर महोत्सव के लिए…राजबाड़ा में हुरियारों ने जश्न शुरू कर दिया है… गेर के अमृतकाल में आज रंगों का महासागर उमड़ रहा है, कहीं टेसू की खुशबू बिखरी है तो कहीं रामलला दर्शन दे रहे हैं…रंगपंचमी की इस गेर में सीएम मोहन यादव भी रंगे नजर आए…

इंदौरMar 30, 2024 / 12:38 pm

Sanjana Kumar

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राजबाड़ा तैयार है और हुरियारों ने भी कमर कस ली है। शनिवार को रंगों का कारवां ऐसा शुरू हुआ कि क्या आसमां और क्या जमीं, हर कोई स्नेह के रंग में रंगा नजर आ रहा है। गेर की मिसाइलों से निकले रंग का उल्लास दुनियाभर में फैल रहे हैं और शहर की जीवटता को सलाम कर रहे हैं। 75 साल की परंपरा निभाने के लिए रंगों का महासागर इंदौर की सड़कों पर बह रहा है। अमृतकाल मना रही गेर में लाखों लोग उमड़े हैं।

 

 

अभिमन्यु मिश्रा ने बताया कि चार डीजे के अलावा भजन गायक फाग गीतों की प्रस्तुति देते चल रहे है। दो मिनट में 200 किलो सूखा रंग उड़ाने वाली मशीन गेर में शामिल हुई है। तीन कम्प्रेशर मशीन लगाकर बड़े पाइप से गीला रंग उड़ाया जा रहा है। छीपा बाखल से गेर की शुरुआत हो चुकी है।

 

राजपाल जोशी ने बताया कि हमारी गेर में हर बार बैंड-बाजे, डीजे और भजन मंडलियां होती हैं। ट्रॉले पर कलाकार प्रस्तुति देते चलते हैं। इस बार भी पांच टैंकर 100 फीट ऊपर रंग उड़ाते चल रहे हैं। 400 युवा यातायात नियमों की सीख देने के लिए केसरिया हेलमेट पहनकर चल पड़े हैं। गेर ओल्ड राज मोहल्ला रसिया कॉर्नर से निकाली जा रही है।

हिंद रक्षक संगठन राधा-कृष्ण फाग यात्रा निकाल रहा है। गेर में राम मंदिर की प्रतिकृति बनाई है, इसमें रामलला विराजित हैं। यात्रा में टेसू के फूलों का ही उपयोग किया गया है। एक रथ में भगवान कृष्ण के रूप में सवार युवक रंग उड़ाते चल रहे हैं। हनुमान भी दर्शन दे रहे हैं। यात्रा में भगवा ध्वज वाहिनी शामिल हुई हैं।

 

संस्था सृजन के अध्यक्ष कमलेश खंडेलवाल ने बताया कि पिछले साल सतरंगी मिसाइल आकर्षण का केंद्र थी। इस बार भी नया आकर्षण है। मथुरा की टोली ट्रॉले पर प्रस्तुति देती चल रही है। बड़ी संख्या में टैंकर भी शामिल किए गए हैं।

75वें साल में प्रवेश कर रही टोरी कॉर्नर की गेर इस बार नहीं निकाली गई। टोरी कॉर्नर की गेर को बड़े स्तर पर निकालने की तैयारी हो गई थी, लेकिन आयोजक शेखर गिरी के बड़े भाई 74 वर्षीय सतीश गिरी का निधन होने से ऐन वक्त पर गेर निरस्त करनी पड़ी। शेखर गिरी ने बताया कि अगले वर्ष 2025 में धूमधाम से रंगों का पर्व मनाएंगे।
इंदौर के इस 75 साल पुराने परम्परागत उत्सव गेर में शामिल होने आज एमपी के सीएम मोहन यादव भी पहुंचे हैं। वे 11 बजे नृसिंह बाजार चौराहा पहुंचे। यहीं से वे हिंद रक्षक की फाग यात्रा का शुभारंभ किया। यहां से सीएम गोराकुंड पहुंचे और यहां संगम कॉर्नर की गेर में शामिल हुए। एमपी के सीएम के साथ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट समेत कई जनप्रतिनिधि शामिल हुए हैं। सीएम राजबाड़ा, गोपाल मंदिर तक आए और फिर भोपाल के लिए रवाना हो गए।

रंगपंचमी पर मध्य प्रदेश के इंदौर में निकलने वाली पारंपरिक गेर को यूनेस्को में शामिल करवाने के लिए पिछले कुछ वर्षो से लगातार कोशिशें की जा रही हैं। जिला प्रशासन द्वारा विगत वर्ष गेर को यूनेस्को में सांस्कृतिक धरोहर के रुप में दर्ज करवाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। पिछले साल यूनेस्को ने गुजरात के गरबे को सांस्कृतिक धरोहर केटेगिरी में शामिल कर लिया था। वहीं, यूनेस्को के नियमों पर गौर करें तो किसी भी देश की दो अलग अलग धरोहरों को लगातार दो साल तक धरोहर में शामिल नहीं किया जाता। यानी देश की किसी धरोहर को शामिल करने में कम से कम दो साल का गेप होना चाहिए।

ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रहा ही कि साल 2025 में इंदौर की गेर को यूनेस्को द्वारा सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दे दिया जाएगा। यही वजह है कि पिछली साल की तरह इस बार भी पारंपरिक गेर के दौरान जिला प्रशासन द्वारा यूनेस्को को इस आयोजन की दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया के लिए विशेष विडियोग्राफी और फोटोग्राफ्स का एक कलेक्शन तैयार करके भेजा जाएगा।

बता दें कि पिछले साल जिला प्रशासन ने संस्कृति मंत्रालय के जरिए इंदौर की गेर को यूनेस्को में शामिल करवाने का प्रस्ताव भेजा था। अब जिला प्रशासन द्वारा प्रदेश शासन के जरिए इस संबंध में पत्र संस्कृति मंत्रालय को भेजा जाएगा, ताकि अगले साल इंदौर की गेर को यूनेस्कों की धरोहर लिस्ट में शामिल करवाया जा सके।

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