
तेजी से बढ़ रहे हैं 'डिजिटल विज़न सिंड्रोम' के केस, 10 में से 7 लोग इस समस्या से हैं परेशान, जानिए वजह
इंदौर/ इन दिनों कोरोना काल के चलते सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने के लिए मध्य प्रदेश समेत देशभर के लगभग सभी कम-ज्यादा स्टाफ वाले ऑफिसेज में वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था कर दी गई है। ऐसे में लगभग सभी ऑफिसेज के कर्मचारी अपने घरों में रहकर काम कर रहे हैं। इस व्यवस्था को दफ्तरों में लागू करने से अधिक से अधिक लोगों के संपर्क में आने से तो बचा जा सकता है, लेकिन इसका एक बड़ा नुकसान भी जल्दी ही सामने आने लगा है। अकसर लोग अपने तय समय तक ऑफिस का काम तो कर ही रहे हैं, इसके अलावा, साथ में मोबाइल और टीवी देखना कई लोगों के लिए बड़ी समस्या का कारण बनता जा रहा है।
काम करते हुए कम्प्यूटर के सामने बैठना। इसके साथ ही, मोबाइल का इस्तेमाल और इन सब से छूटकर टीवी के सामने बैठ जाना यानी आजकल अकसर लोग मल्टीस्क्रीन लाइफस्टाइल के तहत 10 से 12 घंटे स्क्रीन के सामने गुजार रहे हैं। हालांकि ऐसा करने से उनकी आंखों को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक्सपर्ट्स की मानें तो, इन दिनों आंखों की समस्या लेकर आने वाले 10 में से 7 लोगों में 'डिजिटल विज़न सिंड्रोम'नामक एक खास तरह की बीमारी देखने को मिल रही है। कोरोना संकट के कारण इन दिनों मध्य प्रदेश में कई कक्षाओं की ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं। ऐसे में अधिकतर बच्चों में ये परेशानी देखी जा रही है। क्रिएट स्टोरीज़ वेलफेयर सोसायटी द्वारा कराए गए वेबिनार में डॉ. प्रणय सिंह ने इस खास बीमारी के संबंध में जानकारी दी।
ये हैं लक्षण
-गर्दन व कंधों में दर्द
ये हैं कारण
-बिना ब्रेक स्क्रीन देखते रहना
ऐसे करें बचाव
-ब्रेक : एफडीआर फॉर्मूला फॉलो करें। फोकस-डीफोकस-रीफोकस करें। हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड ब्रेक लें व 20 फीट दूर देखें। फिर स्क्रीन पर रीफोकस करें। पलकें झपकाते रहें। बीच में किसी और सतह को देखते रहें।
Published on:
06 Aug 2020 09:00 am
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