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स्कूल बस हादसे में घायल क्लीनर के परिजन ने कलेक्टर से मांगी मदद

-छह माह बाद भी नहीं मिली मदद-प्रबंधन और प्रशासन से अब तक नहीं मिली सहायता  

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स्कूल बस हादसे में घायल क्लीनर के परिजन ने कलेक्टर से मांगी मदद

इंदौर. स्कूल बस हादसे में घायल क्लीनर के परिजन अर्थिक परेशानियों से गुजर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने अब तक अपना वादा नहीं निभाया। हालांकि स्कूल ने इलाज में पूरी मदद की। आर्थिक सहायता की आशा से क्लीनर बलराम पिपाड़ा के परिजन मंगलवार को जनुसनवाई में पहुंचे।

कलेक्टर से परिजन ने आर्थिक मदद दिलाने की गुहार लगाई। ५ जनवरी को बायपास पर डीपीएस स्कूल बस हादसा हुआ था। इसमें चार बच्चे और बस ड्राइवर की मौत हो गई थी। वहीं क्लीनर बलराम गंभीर रूप से घायल हो गया था। परिजन का कहना है, ६ महीने बीत जाने के बाद भी आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई है।

इंश्योरेंस राशि को लेकर प्रबंधन बना रहा दवाब
विनोद दुबे ने बताया, स्कूल प्रबंधन ने इलाज के लिए पूरी मदद की, लेकिन अब कहना पड़ रहा है कि इंश्योरेंस में एडजस्टमेंट किया जाए। हम प्रशासन के पास इसलिए पहुंचे थे कि उन्हें उनका वादा याद दिलाया जाए। उस वक्त प्रशासन ने भी वादा किया था कि वह इलाज में मदद करेगा, लेकिन स्कूल मदद के लिए तैयार हुआ तो प्रशासन ने हाथ खींच लिए।

बेटी-दामाद पर बेघर करने का आरोप
जनसुनवाई में पहुंचे परदेशीपुरा के हरिदास सूर्यवंशी और पत्नी पार्वती ने बेटी और दामाद की शिकायत की। उन्होंने बताया, बेटी- दामाद ने मकान बिकवा दिया है और अपने प्लॉट पर मकान बनवा लिया। उस वक्त साथ रखने की बात कही थी, लेकिन अब उन्हें परेशान कर रहे हैं। उन्होंने कलेक्टर से अपनी संपत्ति और पूंजी दिलाए जाने की मांग की है।

छह महीने में नहीं आया रिजल्ट
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में परीक्षा और मूल्यांकन व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही। मंगलवार को जनसुनवाई में आई एक शिकायत ने बड़ी लापरवाही उजागर की। एमएसडब्ल्यू के छात्रों ने आवेदन देते हुए बताया, उन्होंने छह महीने पहले तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा दी थी। कई चक्कर काटने के बावजूद यूनिवर्सिटी ने रिजल्ट जारी नहीं किया। कुलपति ने अफसरों से इसका कारण पूछा तो वे इधर-उधर तांकने लगे। कुलपति ने जल्द रिजल्ट जारी करने के निर्देश दिए।

कुलपति प्रो. नरेंद्र धाकड़, परीक्षा नियंत्रक प्रो. अशेष तिवारी व डिप्टी रजिस्ट्रार रचना ठाकुर ने शिकायतें सुनीं। अलग-अलग संबद्ध कॉलेजों में एमएसडब्ल्यू के १२०० से ज्यादा छात्र-छात्राएं हैं। २०१६ एडमिशन लेने वालों का कोर्स इसी साल मई में पूरा होना था, लेकिन तीसरे सेमेस्टर का ही रिजल्ट नहीं आया। बीकॉम की एक छात्रा ने मूल्यांकन में गड़बड़ी का आरोप लगाया।

जूडा ने की पूर्व एचओडी की शिकायत
एमवाय अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से मारपीट मामले में पूर्व एचडीओ पर केस दर्ज करने की मांग को लेकर फरियादी पहुंचा। थाने से लेकर सीएम हेल्पलाइन पर वह शिकायत कर चुका है, फिर भी केस दर्ज नहीं हो रहा। जनसुनवाई में अफसरों से गुहार लगाई कि मारपीट के चलते वह मानसिक रूप से परेशान हो चुका है।

एमवाय अस्पताल के जूनियर डॉक्टर राजेश कुमार चौधरी ने २७ अप्रैल को एमवाय अस्पताल में ड्यूटी के समय नेत्र विभाग के तत्कालीन एचओडी डॉ. संजीव अग्रवाल पर मारपीट का आरोप लगाया। मामले ने तूल पकड़ा तो अग्रवाल को पद से हटा दिया। एसपी मो. युसूफ कुरैशी ने मामले की जांच अब सीएसपी संयोगितागंज को सौंपी है।