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इंदौर। किसी को 2 से 3 मिनट ऑक्सीजन न मिले तो उसकी मृत्यु हो जाती है और करीब 6 मिनट में ब्रेन डेड हो जाता है, लेकिन आरआर कैट से रिटायर्ड 71 वर्षीय साइंटिस्ट वेदप्रकाश गुप्ता का दावा है कि वे आधा घंटा बिना ऑक्सीजन के रह सकते हैं। अपना दावा साबित करने के लिए वे मंगलवार शाम 4 बजे अभिनव कला समाज में लाइव डेमो देंगे।
गुप्ता ने बताया, डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए 25 साल पहले मेडिटेशन और योग करने लगा। मैंने योग को विज्ञान में कन्वर्ट करना शुरू किया। वेदांत व श्रीमद् भगवद् गीता पढ़ी। इनमें विज्ञान है, जिसे ऋषि-मुनियों ने खोजा था। इस तरह न्यूरो साइंस और वेदांत को मिलाकर योग विज्ञान की खोज की। इसके अंतर्गत बनाए उपकरण ब्रीबो मीटर व डब्ल्यू बीसी मॉनिटर हैं। ब्रीबो ध्यान को मोबाइल स्क्रीन पर रेकॉर्ड कर सकते हैं। डब्ल्यू बीसी मॉनिटर से भी ध्यान को रेकॉर्ड किया जाता है।
ध्यान के जरिए पैदा होती है ऑक्सीजन
वेदप्रकाश ने कहा, जब मैं समाधि में चला जाता हूं तो मेरे ब्रेन में ध्यान के जरिए ऑक्सीजन पैदा होती है और मुझे बाहरी ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती। मैंने नाइट्रोजन चैंबर बनाया है। यह सिम्पल बॉक्स है, जिसमें समाधि के दौरान नाइट्रोजन भर देते हैं। इसमें ऑक्सीजन नहीं है, इसे साबित करने के लिए ऑक्सीजन मॉनिटर लगाया है। इसमें मैं आधा घंटा रहता हूं। इस दौरान मेरा ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल और हार्ट रेट सामान्य रहती है।
डॉक्टर करेंगे पुष्टि
गुप्ता ने बताया, चैंबर में नाइट्रोजन भरकर ऑक्सीजन निकाल देंगे। इसमें मैं अंगुली में पल्स ऑक्सीमीटर लगाकर 45 मिनट तक योग साधना से समाधि में रहूंगा। चैंबर में व्यायाम भी करूंगा। इस दौरान वहां मौजूद वैज्ञानिक, डॉक्टर इसकी पुष्टि करेंगे कि बाहर से ऑक्सीजन न मिलने पर भी मेरा शरीर सामान्य रूप से कार्य कर रहा है।
Published on:
20 Jun 2023 03:38 pm
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