जिस दिन का कोर्ट का आदेश बताया, उस दिन जज थे छुट्टी पर
इंदौर . पदोन्नति के लिए न्यायालय के फर्जी दस्तावेज लगाने के मामले में एमजी रोड पुलिस ने आईएएस अधिकारी संतोष कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया है। उनपर इंदौर के लसूड़िया थाने में महिला से मारपीट और अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज हुआ था। उस प्रकरण में न्यायालय से निर्दोष होने के दस्तावेज तैयार कर आईएएस अधिकारी संतोष कुमार वर्मा ने पदोन्नति ली थी।
इस फर्जीवाडे की जानकारी मिलने पर न्यायालय द्वारा थाने धोखाधड़ी सहित कूट रचित दस्तावेज की धाराओं में प्रकरण दर्ज कराया गया था। इसी मामले में देर रात एमजी रोड पुलिस ने आईएएस अधिकारी संतोष कुमार वर्मा को किया गिरफ्तार कर किया है। संतोष वर्मा वर्तमान में नगरीय प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त हैं।
आइएएस अवार्ड के लिए लगाए गए आदेश के फर्जी पाए जाने के बाद शनिवार देर रात कथित आइएएस अधिकारी संतोष वर्मा को एमजी रोड पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। मामले में शनिवार को आइएएस अधिकरी के करीब 7-8 घंटे तक बयान दर्ज हुए। इसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की।
एमजी रोड पुलिस ने 27 जून को अज्ञात आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। न्यायाधीश विजेंद्र सिंह रावत की कोर्ट का एक फर्जी आदेश जारी होने का मामला सामने आया था। इसके बाद कोर्ट ने केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। आइएएस अधिकारी संतोष वर्मा ने अक्टूबर 2020 को डीपीसी में यह आदेश लगाया था।
इसमें बताया गया था कि उन्हें कोर्ट ने मारपीट के मामले में दोषमुक्त किया है। इस आधार पर वर्मा को आइएएस अवार्ड मिला था। मामले की शिकायत हुई तो पता चला 6 अक्टूबर 2020 को जब आदेश जारी हुआ, उस दिन जज छुट्टी पर थे। इसके बाद माना जा रहा था कि यह आदेश फर्जी है। एएसपी जयवीर सिंह भदौरिया ने बताया, वर्मा के बयान लिए गए हैं।
वर्मा के धार में पदस्थ होने पर लसूडिय़ा थाने में हर्षिता अग्रवाल ने मारपीट का केस दर्ज कराया था। वह खुद को वर्मा की पत्नी बताती है। पहले यह केस न्यायाधीश अरविंद गुर्जर की कोर्ट में था। ३ अक्टूबर को ही मामला न्यायाधीश विजेंद्र सिंह रावत की कोर्ट में ट्रांसफर हुआ। हर्षिता ने ही मामले की शिकायत कोर्ट में की थी।