
इंदौर। इंदौर में नई छोटी औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं, जिसका काम अब पूरा होता नजर आ रहा है। छोटे उद्योगों के लिए उद्योग विभाग ने जमीन मांगी थी, जिस पर जिला प्रशासन ने आसपास के सात गांवों की 802 एकड़ जमीन तलाश की है। जल्द ही सरकारी खानापूर्ति करके विभाग को जमीन सौंप दी जाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार प्रयास कर रहे हैं कि इंदौर सहित पूरे मध्यप्रदेश में उद्योगों की स्थापना हो। इसके चलते लगातार इन्वेस्टर समिट रखी जा रही हैं, जिसमें देश-विदेश के बड़े-बड़े उद्योगपतियों को बुलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान का फोकस बड़ों के साथ छोटे उद्योगों पर भी है, ताकि स्थानीय उद्योगपति अपने कारोबार को फैला सकें। सर्वसुविधायुक्त होने की वजह से सभी की नजरें इंदौर पर रहती हैं।
उद्योगपति चाहते हैं कि यहीं पर उन्हें जमीन मिले ताकि वे अपनी इकाई स्थापित कर सकें। इसके चलते सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग ने नवीन औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के लिए इंदौर जिला प्रशासन से शासकीय जमीन मांगी थी। लंबे समय से जिला प्रशासन को जमीन की तलाश थी, जो मल्हारगंज व बिचौली हप्सी तहसील में पूरी हो गई। इसकी सूची विभाग को भी सौंप दी गई, जिस पर उनके अफसरों ने मौका-मुआयना कर जमीन को लेकर हरी झंडी भी दे दी।
अब गेंद जिला प्रशासन के पाले में है, उसे जमीन विभाग के नाम करना है। इसको लेकर नजूल विभाग सक्रिय हो गया है। उसने सभी संबधित अफसरों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे शासकीय जमीन सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग को हस्तांतरित करने के सबंध में नजूल निर्वर्तन निर्देश-2020 के प्रावधान के अंतर्गत आवश्यक कार्रवाई कर प्रतिवेदन पेश करें।
ये हैं चयनित सात गांव व जमीन
बडिय़ाकीमा - 44.774 हेक्टेयर जमीन
असरावद खुर्द - 50.049 हेक्टेयर
सनावदिया - 121.581 हेक्टेयर
बडिय़ाहाट - 181.529 हेक्टेयर
मालीखेड़ी - 45.654 हेक्टेयर
तिल्लौर बुजुर्ग - 21.219 हेक्टेयर
रेवती - 35.081 हेक्टेयर
(कुल 802.49 हेक्टेयर)
Published on:
13 Jan 2023 10:38 am
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