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काशी में सोनम का जीते जी हुआ ‘पिंडदान’, उसे फिर कभी न मिले ‘मोक्ष’

Sonam Raghuvanshi Case: राजा की हत्या के बाद सोनम रघुवंशी पर समाज में महिलाओं की छवि खराब करने का आरोप लगाया जा रहा है।

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(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)

Sonam Raghuvanshi Case: इंदौर के निवासी ट्रांसपोर्टर राजा रघुवंशी की हत्या मामले में रोज बड़े खुलासे हो रहे है। बीते दिनों से खबरें आ रही है कि राजा रघुवंशी के भाई ने सोनम की राज से शादी करने की आशंका जताई है। उसका दावा है कि सोनम ने राजा की बलि दी है। इसके बाद राज से शादी कर ली। इस सारी बातों के बीच कुछ महिलाएं बीते दिन काशी के दशाश्वमेध घाट पहुंचीं और पुरोहित से मिलकर हनीमून के दौरान अपने पति की हत्या के आरोप में फंसी इंदौर निवासी सोनम रघुवंशी का विधि-विधान से पिंडदान किया।

बता दें कि राजा की हत्या के बाद सोनम रघुवंशी पर समाज में महिलाओं की छवि खराब करने का आरोप लगाया जा रहा है। शादी को लेकर उनके निर्णय और बयानों ने समाज में महिलाओं को शर्मसार किया है, जिसके विरोध में यह आयोजन किया गया।

कभी नहीं मिलेगा मोक्ष

सोनम के पिंडदान की पूरी प्रक्रिया विधि-विधान के साथ संपन्न की गई। बता दें कि पिंडदान करने के बाद पिंड को गंगा में न बहाकर उसके पोस्टर के साथ उसे आग के हवाले कर दिया। इस पर महिलाओं का कहना था कि सोनम को समाज से बहिष्कृत किया जा रहा है, उसने जो कृत्य किया है, इसके लिए उसे नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी।

वहीं राजा रघुवंशी के लिए भी पिंडदान कर उसकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। महिला व्यापार मंडल अध्यक्ष सुनीता सोनी ने कहा कि सोनम के इस कृत्य से प्रत्येक महिला को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है।

इस पूरी क्रिया के बारे में दशाश्वमेध घाट के पुजारी ने कहा कि जीवित व्यक्ति का पिंडदान का मतलब होता है उसे पूरी तरह समाज से काट देना। ये एक बहुत बड़ा सामाजिक निर्णय होता है।