
इंदौर। एसटीएफ ने एक एडवाइजरी कंपनी पर छापा मारा है। बताया जाता है कि यह डिमेट अकाउंट खुलवाने का झांसा देकर लोगों को झांसे में फंसाकर ठगी कर रहे थे। उनसे अपने खाते में रुपए जमा करवा रहे थे। एसटीएफ ने मालवा मिल स्थित इमारत पर छापा मारकर वहां से प्रोपायटर सहित 47 लोगों को हिरासत में लिया है।
एसपी पद्मविलोचन शुक्ला ने बताया कि रेपिड रिसर्च टेक्नोलॉजीस नामक शेयर एडवाईजरी कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा स्वयं की पहचान छुपा कर छद्म नाम से लोगो को कॉल कर लुभावने रिटन्र्स का प्रलोभन देते हुए निवेशकों से राशि प्राप्त की जा रही है। इस पर मेहता मेन्शन मालवा मिल चौराहे पर दबिश दी गई। वहां से 47 कर्मचारियों को पकड़ा गया है। वहां पर लुभावने रिटन्र्स व डीमेट अकांउट का झांसा देकर लोगो से अपने सेविंग अकाउंट में राशि जमा कराई जा रही है। टीम ने जब जांच की तो पता चला कि कंपनी का प्रोपायटर अरुण खण्डेलवाल पिता श्याम खंडेलवाल निवासी दुध तलाई उज्जैन हाल मुकाम नन्दानगर ने सर्टिफिकेशन प्राप्त किया गया है। इस सर्टिफिकेशन की आड़ में 12वीं से स्नातक तक के कर्मचारियों को नियुक्त कर उन्हें धोखाधडी के लिए ट्रेन किया। जांच में यह भी पाया गया कि अरुण खण्डेलवाल ने कम्पनी विनोद विश्वकर्मा और जितेन्द्र सराठे को चलाने के लिए दी है। इसके बदले में एक तय रकम ली जा रही है। वहां से 48 कम्प्यूटर, 46 मोबाईल फोन जब्त कर परिसर को सील कर दिया है। आरोपित के संबंध में सेबी से भी बात की गई। गिरफ्तार आरोपियों में प्रोप्रायटर एरिया रिलेशनशिप मैनेजर, आईटी इंचार्ज, एचआर. मैनेजर, टीम लीडर और फ्लोर पर कार्य करने वाले कर्मचारी हैं। एसटीएफ पहले से ही फरार बदमाश जितेंद्र की तलाश कर रही है। उसकी तलाश में ही टीम के हाथ सूत्र लगे और फिर उसी आधार पर दबिश देकर इस फर्जी एडवाईजरी को पकड़ा गया है।
Published on:
25 Dec 2019 11:30 am
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