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पत्रकारिता की छात्रा ने किया था ये सवाल
लसूडिय़ा थाने पर सोमवार को पत्रकारिता की छात्रा शिकायत करने पहुंची। छात्रा ने रविवार को निपानिया में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री तुलसी सिलावट से सवाल पूछा था कि आपने एक अच्छी भली सरकार गिरा दी। अब चुनाव में फिर पैसा बर्बाद होगा। आपको कैसा लग रहा है?
मंत्री तो गोलमोल जवाब दे गए, पर…
मंत्री सिलावट इस सवाल का गोलमोल जबाव दे गए, लेकिन उनके सर्मथकों ने सोशल मीडिया पर छात्रा को ट्रोल करना शुरू कर दिया। उसे बदनाम करने के लिए गलत गंदी टिप्पणी की। उसे बार टेंडर बताकर एडिट किए हुए फोटो फेसबुक व सोशल मीडिया पर वायरल किए गए। छात्रा के मुताबिक, कई टिप्पणियां तो इतनी गंदी है कि, वो उन्हें बता भी नहीं सकती। मुझे कहा जा रहा है कि, मैं कांग्रेसी हूं। पर मैं बताना चाहती हूं कि, मैं सांवेर विधानसभा की एक वोटर हूं। मुझे वोट देने का अधिकार है, तो सवाल पूछने का भी है।
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छात्रा ने उठाए सवाल
पत्रकारिता की छात्रा का कहना है कि, लोकतंत्र की हत्या कर सिलावट तो फिर मंत्री बन गए, लेकिन हमारा क्या? लाइन में लगकर हमने वोट दिया। हमारे दिए टैक्स व आयकर के रुपयों से चुनाव होते हैं। राजनीतिक महत्वकांक्षा के लिए उन्होंने पार्टी बदल ली। एक सवाल पूछने पर सिलावट के सर्मथक उसे बदनाम करने में जुटे हैं। क्या सिलावट इनके खिलाफ कार्रवाई करवाएंगे। एक लड़की के सम्मान की रक्षा के लिए वे क्या करेंगे। छात्रा ने कहा कि मैं चाहती हूं कि, गलत टिप्पणी व पोस्ट करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करे। वे लोग सोशल मीडिया पर मुझ से माफी मांगे।
पुलिस बोली- किसने दिया सवाल पूछने का अधिकार
छात्रा का आरोप है कि, जब वो शिकायत लेकर लसूड़िया थाने पहुंची तो एक पुलिस अधिकारी ने उससे ही कह डाला कि, आपको सवाल पूछने का अधिकार किसने दिया? आपके पास लाइसेंस है क्या? छात्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि, पुलिस मेरी शिकायत नहीं ले रही थी। मैंने उनसे कहा, लोकतंत्र में सवाल पूछने के लिए अनुमति लेना पड़ती है क्या? मैं उस अधिकारी को नहीं पहचानती, क्योंकि उन्होंने चेहरे पर मास्क लगा रखा था। छात्रा का आरोप है कि, उसके बयान ले रही एसआई लिलीयन मालवीय ने अपने मोबाइल से उसकी टीआई से बात कराई। वे फोन पर पूछने लगे कि, किसकी प्रेरणा से ये सवाल पूछा। पुलिस इस मामले में कार्रवाई करने के बजाए मंत्री सर्मथकों को बचाने में लगी है।
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जांच कर रहे हैं
थाना प्रभारी इंद्रमणि पटेल ने बताया, मामले में जांच के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। छात्रा का आवेदन नहीं लेना या उसपर दबाव बनाने वाली बात सरासर गलत है। छात्रा से सवाल पूछने को लेकर कुछ नहीं कहा गया। वहीं, जांचकर्ता लिलीयन मालवीय ने बताया, छात्रा के आवेदन पर जांच की जा रही है। जांच के बाद ही मामले में कार्रवाई की जाएगी। छात्रा पर शिकायत वापस लेने या अन्य कोई दवाब नहीं बनाया जा रहा है।
सवाल पूछना कांग्रेस की साजिश : सिलावट
युवती द्वारा सवाल पूछे जाने पर मंत्री तुलसी सिलावट ने इसे कांग्रेस की साजिश करार दिया है। सिलावट के मुताबिक, जब युवती ने उनसे सवाल किया था, उस समय भी उन्होंने उसे बेटी कहकर ही संबोधित किया था। लेकिन वो सवाल करने के तुरंत बाद वहां से चली भी गई थी, ये सब कांग्रेस की साजिश थी। कांग्रेस के पास यहां बोलने के लिए कुछ नहीं है, तो इस तरह की साजिश रच रहे हैं। कांग्रेस अभी और भी ऐसी हरकतें करेगी। मैं मानकर चल रहा हूं कि, 25 से ज्यादा ऐसे मामले होंगे। लेकिन हमने काम किया है, मुझे कोई डर नहीं है।