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‘लाइव सर्जरी’ पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, NMC ने जारी की नई गाइडलाइन, कार्रवाई के भी निर्देश

MP News: नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड ने लाइव सर्जरी(Live Surgery) के आयोजन और प्रसारण को लेकर सूचना जारी की है।

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Supreme Court strict on live surgery,

Supreme Court strict on live surgery (फोटो सोर्स : एआई जेनरेटेड)

MP News: नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड ने लाइव सर्जरी(Live Surgery) के आयोजन और प्रसारण को लेकर सूचना जारी की है। लाइव सर्जरी के दौरान किसी प्रकार का उत्पाद प्रचार, सर्जन या अस्पताल का प्रमोशन नहीं किया जा सकेगा। सर्जन के किसी भी उपकरण या दवा कंपनी से व्यावसायिक संबंध नहीं होना चाहिए। मरीज की अनुमति के बगैर लाइव सर्जरी नहीं कर सकेंगे। एनएमसी ने 27 जुलाई से आदेश लागू किया है। उल्लंघन पर संबंधित डॉक्टर या संस्था पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

रिपोर्ट के आधार पर निर्देश जारी

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका के संदर्भ में यह निर्णय लिया है। इसमें आरोप था कि निजी अस्पताल मरीजों का वाणिज्यिक शोषण कर रहे हैं। उन्हें मॉडल की तरह उपयोग कर लाइव सर्जरी के जरिए कंपनियों के उत्पादों का प्रचार कर रहे हैं। मरीजों की सहमति के बिना सर्जरी का सीधा प्रसारण किया जाता है। इससे उनकी निजता, सुरक्षा और मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस पर विचार करते हुए एनएमसी ने समिति गठित की, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।

दिशा-निर्देश

●लाइव सर्जरी(Live Surgery) केवल उन्हीं संस्थानों में की जा सकती है जो एनएमसी अधिनियम 2019 में सूचीबद्ध हैं और अपने छात्रों या रजिस्टर मेडिकल प्रैक्टिशनर्स को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से कर रहे हो। विदेशी चिकित्सा विशेषज्ञ को सर्जरी से पहले चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड से अस्थायी अनुमति लेनी होगी। संबंधित राज्य मेडिकल परिषद से भी पूर्व अनुमति जरूरी है।

●सर्जरी का आयोजन वही संस्था कर सकती है जो मान्यता प्राप्त हो और जिसके ओटी आवश्यक उपकरणों और आपातकालीन सुविधाओं से युक्त हों। सर्जरी के समय अनुभवी पर्यवेक्षक का उपस्थित रहना अनिवार्य है।

●केवल वही मरीज चुने जाएंगे जो शारीरिक रूप से फिट हो, जिनमें कोई जटिलता न हो। मरीज को पहले से पूरी जानकारी देनी होगी कि सर्जरी का लाइव प्रसारण किया जाएगा और उनकी इस पर सहमति है। प्रसारण के दौरान मरीज की निजता और गरिमा की रक्षा करना जरूरी है।