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ये है धमाकेदार हाइटेक कैमरा, बच्चा रोये या कार से छेड़खानी, तुरंत फोन पर भेजेगा अलर्ट मैसेज

-कैमरा भेजेगा अलर्ट मैसेज-सुरक्षा के लिए आइपी बेस्ड कैमरों का चलन बढ़ा

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IP based cameras

इंदौर। लोगों ने घर, वाहन और परिवार के सदस्यों को कैमरों के निगरानी में रखकर सुरक्षा उपाय अपनाने शुरू कर दिए हैं। बाजार में इन दिनों ऐसे हाइटेक कैमरों की डिमांड बढ़ने लगी है, जो सिर्फ रिकॉर्डिंग ही नहीं करते हैं, बल्कि किसी खतरे को भांपकर मोबाइल पर अलर्ट मैसेज भी भेजते हैं। यदि इस प्रकार के कैमरे लगे हों तो बच्चे के रोने, वाहन से छेड़छाड़ और अनजान व्यक्ति के कैमरे की जद में आते ही अलर्ट मैसेज मिल जाता है।

कार को चोरी होने से ऐसे बचाएगा

इसमे सिक्योर पार्किंग ऑप्शन है। घर के बाहर खड़ी कार पर कैमरा फोकस कर सुरक्षित जोन में रखा जा सकता है। चोर कार को हटाएगा तो कैमरा अलार्म बजाते हुए वीडियो और फोटो क्लिप बनाने लगेगा। लिंक्ड मोबाइल पर घटना का वीडियो, फोटो और अलर्ट मैसेज भी पहुंचेगा।

अनजान को डिटेक्ट कर खींचेगा तस्वीर

कैमरे में ऑप्शन भी है कि घर के कॉरिडोर, दरवाजे, खिड़की के बाहर कैमरे का फोकस सेट कर पर्सन डिटेक्शन फीचर को ऑन किया जा सकता है। अनजान कैमरे के जद मेंआता है तो कैमरा अलार्म बजाएगा और संबंधित की फोटो और अलर्ट मैसेज मोबाइल पर भेजेगा।

... तो बच्चे की चिंता नहीं

व्यापारी हकीम बादशाह ने बताया कि किसी वजह से बच्चों को घर में अकेला छोड़कर जाने वालों की सुविधा के लिए भी तकनीक आ गई है। कैमरों में बेबी क्राय अलर्ट नाम से ऑपशन आ रहा है। कैमरा जिस स्थान पर लगा है, यदि वहां बच्चा रोता है तो कैमरा बच्चे के वीडियो और फोटो मोबाइल पर अलर्ट मैसेज के साथ भेज देगा। घर से दूर बैठे सदस्य बच्चे को लाइव देखने के साथ बात भी कर सकते हैं। कैमरे में 128 या ज्यादा जीबी का मेमोरी कार्ड लगा सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

-कैमरा इंस्टॉल करवाएं तो टू स्टेप वेरिफिकेशन जरूर करवाएं।

-ब्रांडेड कैमरा खरीदें क्योंकि वीडियो क्वालिटी अच्छी होती है।

-जिस फोन में कैमरे का ऐप हो, उसे हमेशा सुरक्षित रखना चाहिए।

-घर में कैमरा सेटअप खुली जगह में न रखें। वायर, डीवीआर गुप्त स्थान पर लगवाएं। कई बार बदमाशों कैमरे के तार काट देते हैं।

- वाई-फाई का पासवर्ड बदलते रहें। सिक्योरिटी डब्ल्यूपीए पर सेट करें।

- पांच मेगापिक्सल वाले कैमरे खरीदें। कैमरे को अपग्रेड करते रहें।

एक्सपर्ट व्यू

चातक वाजपेयी, साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेटर का कहना है कि पहले के कैमरे केबल के माध्यम से काम करते थे। नए कैमरे इंटरनेट प्रोटोकॉल (आइपी) बेस्ड हैं। ऐसे कैमरे बनाने वाली कंपनियों के सेंट्रलाइज्ड सर्वर होते हैं। कैमरा इंस्टॉल करते हैं तो इस सर्वर में उसका अकाउंट खुल जाता है। वहां से मोबाइल और घर का वाई-फाई जुड़ जाता है।