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ये है बिना बिजली से चलने वाला ‘फ्रिज’, 13 घंटे बनी रहेगी कूलिंग

MP News: सुनने में साइंस फिक्शन जैसी बात लगती है, लेकिन इंदौर के तीन स्कूल स्टूडेंट्स ने इसे हकीकत बना दिया है।

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MP News: जरा सोचिए, बिना बिजली के चलने वाला ऐसा फ्रिज हो, जो 13 घंटे तक दवाओं और वैक्सीन को ठंडा रखे। सुनने में साइंस फिक्शन जैसी बात लगती है, लेकिन इंदौर के तीन स्कूल स्टूडेंट्स ने इसे हकीकत बना दिया है। कक्षा 12वीं में पढ़ने वाले मृदुल जैन, मिथरान लढ़ानिया और ध्रुव चौधरी ने ‘थर्मावॉल्ट’ नाम का ऐसा पोर्टेबल रेफ्रिजरेटर बनाया है, जो माइनस 4 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान बनाए रख सकता है, वो भी बिना एक यूनिट बिजली के। इस इनोवेशन ने अब इन तीनों को अर्थ प्राइज जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में एशिया की टॉप टीम बना दिया है।

इन तीनों छात्रों के पैरेंट्स डॉक्टर हैं। जब उन्होंने देखा कि वैक्सीन भेजने में कितनी दिक्कतें आती हैं, तो उन्होंने इसे अपना प्रोजेक्ट बना लिया। नवंबर 2024 से इस पर काम शुरू किया और अब एक मजबूत, टिकाऊ और इकोफ्रेंडली प्रोटोटाइप तैयार है। इस प्रोजेक्ट को ‘द अर्थ प्राइज’ में शामिल किया गया है।

खास है थर्मावॉल्ट

दरअसल, दूर-दराज के गांवों में आज भी दवाएं और वैक्सीन सुरक्षित पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है। बिजली की कमी और ट्रांसपोर्ट के साधनों की कमी के कारण कई बार वैक्सीन खराब हो जाती है। अभी तक बर्फ और थर्माकोल वाले बॉक्स से काम चलाया जाता था, लेकिन वह ज्यादा देर तक नहीं टिकता। थर्मावॉल्ट 12 लीटर क्षमता का एक ऐसा केमिकल-रिएक्शन बेस्ड रेफ्रिजरेटर है, जिसे पानी, अमोनियम क्लोराइड और बेरियम हाइड्रॉक्साइड की मदद से ठंडा किया जाता है। अंदर की कॉपर लेयर और ग्लास फाइबर की डिजाइन इसे 13 घंटे तक ठंडा रखती है।

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छोटे शहर में बड़े आइडियाज

इंदौर जैसे शहर से निकलकर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में जगह बनाना ही बड़ी बात है, लेकिन इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि यह सिर्फ एक इनोवेशन नहीं, बल्कि एक ऐसा समाधान है जो रियल वर्ल्ड की बड़ी समस्या को हल करता है।