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सस्ता होगा गेहूं, आटा-मैदा व रवा के भाव भी होंगे कम

महंगाई नियंत्रण करने की कोशिश, व्यापारियों पर साधा निशाना, खाद्य निगम ने गेहूं की नीलामी प्रक्रिया से व्यापारियों को किया बाहर

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महंगाई नियंत्रण करने की कोशिश

इंदौर. महंगाई की मार से पस्त लोगों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। जल्द ही गेहूं सस्ता होगा और इसके साथ ही आटा मैदा व रवा के भाव भी कम होंगे। गेहूं के दाम अभी काफी ऊंचे है, जिससे इसके उत्पादों में रेकॉर्ड तेजी आई है। सरकार इसपर नियंत्रण करने की कोशिश कर रही है, जिसके चलते नई-नई रणनीतियां तैयार की जा रही है। गेहूं तथा आटा-मैदा व रवा के भाव को कम करने के लिए सरकार ने खुले बाजार में गेहूं की बिक्री प्रारंभ की है।

खुले बाजार में गेहूं तो कम मात्रा में दिया है, लेकिन यह सीधे मिलर्स को देने की योजना बनाई है, जिसमें व्यापारियों को इसमें खरीदी से बाहर किया है। इसका मतलब सरकार के निशाने पर व्यापारी वर्ग दिखाई दे रहा है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत की साप्ताहिक ई-नीलामी की प्रक्रिया में नियम को और कड़ा करते हुए अब व्यापारियों को इसमें भाग लेने से मन कर दिया है। समझा जाता है कि कुछ मिलर्स ने यह मामला उठाया था कि गेहूं की अधिकांश खरीद ऐसे बिचौलियों द्वारा की जा रही है जो सरकार से सस्ता गेहूं खरीदकर उसे मंडियों में ऊंचे दाम पर बेच रहे हैं।

इस पर संज्ञान लेते हुए खाद्य निगम ने तत्काल प्रभाव से व्यापारियों को इस गेहूं की खरीद प्रक्रिया से बाहर करने कर निर्णय लिया है। इसके बाद अब केवल प्रोसेसर्स, आटा चक्की और फ्लोर मिलर्स ही गेहूं की ई-नीलामी में सम्मिलित हो पाएंगे।

ऐसा करने का आशय यह है कि सिर्फ वास्तविक उपयोगकर्ताओं को ही सरकारी गेहूं की बिक्री की जाएगी। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, राजस्थान, केरल, जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश, झारखंड एवं छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में केवल वास्तविक उपयोगकर्ता ही सस्ते सरकारी गेहूं की खरीद कर पाएंगे जबकि व्यापारियों को इस नीलामी में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी।

ध्यान देने की बात है कि अब तक हुई तीन साप्ताहिक ई-नीलामी के दौरान खाद्य निगम द्वारा मिलर्स को बहुत कम मात्रा में गेहूं की बिक्री की गई। यदि व्यापारियों को इस नीलामी से दूर रखा जाता है तो खाद्य निगम को बिक्री की उच्चतम सीमा में बढ़ोत्तरी करनी चाहिए जो फिलहाल 100 टन नियत है।

इसका कारण यह है कि बड़े-बड़े फ्लोर मिलर्स द्वारा प्रति माह 3000 टन तक गेहूं की प्रोसेसिंग की जाती है जबकि नीलामी के तहत उसे हरेक महीने अधिक से अधिक 400 टन ही खरीदने का अवसर मिल सकता है।

900 बोरी गेहूं की आवक
छावनी अनाज मंडी में 900 बोरी गेहूं की आवक हुई। मंडी में मिल मिल क्वालिटी 2375 से 2400, इंदौर (लोकवन) 2750 से 2800, इंदौर मालवराज 2350 से 2375, पूर्णा 2550 से 2600 रुपए क्विंटल बिका।