
साहब आंखों से दिखता नहीं है और खाने के लिए राशन नहीं है...दो महीने हो गए अभी तक पेंशन नहीं मिली..। विभागों में फेरी लगा-लगाकर थक गई हूं..अब आप ही कुछ करो..। यह कहना है अस्सी वर्षीय मणी देवी का। जो शुक्रवार को यहां कोष कार्यालय में दो महीने से बकाया चल रही वृद्धावस्था पेंशन के बारे में जानने पहुंची थी। इन्हें यहां बताया गया कि दो दिन में पेंशन मिल जाएगी। डाबा भीलवाड़ा निवासी वृद्धा मणीदेवी ने बताया कि उन्होंने अब तक दो बार कलक्ट्री के चक्कर लगा दिए और हर बार दो दिन में पेंशन मिलने की बात कही जा रही है लेकिन पेंशन नहीं मिल रही। कभी कोई बैंक में जाने को कहते हैं तो कभी डाकघर। हर जगह जाकर देख लिया। कही से कुछ नहीं मिला। वे बोली-परिवार में कोई नहीं होने के कारण खुद ही पेंशन के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। अब आप ही बताओ...गर्मी के दिनों में इस उम्र में कभी कोई बाहर निकलता है क्या? पर क्या करे हमारी लाचारी समझो या विवशता। हम बाहर नहीं निकलेंगे तो हमारे के लिए कौन कोई मदद करेगा।
हाथ थामे पहुंची कलक्ट्री
दो वृद्धाएं यहंा कलक्ट्री में इधर से उधर दफ्तर में चक्कर लगाती रही। एक को आंखों से कम दिखता है तो दूसरी को कानों से सुनाई नहीं देता है। मणीदेवी को आंखों से कम दिखाई देता है, ऐसे में वह घर से दूर जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। पेंशन बंद होने के कारण कलक्ट्री में आने के लिए उसने पड़ोसी शांतिदेवी का सहारा लिया लेकिन शांति देवी को दोनों कानों से सुनाई नहीं देने के कारण मणीदेवी से कोई अधिकारी बात करते तो शांतिदेवी इशारों में बार बार पूछती नजर आई। ऐसे में मणीदेवी देवी भी उसके कानों में कुछ कहती रही। आखिर अधिकारी भी उनकी बातों को समझ गए और पेंशन जल्द मिलने का भरोसा दिलाया।
Published on:
22 Apr 2017 10:49 am
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