
Jet Airways को जीवनदान दे सकती है एअर इंडिया, महाराज को अंतरराष्ट्रीय व घरेलू पर होगा फायदा
नई दिल्ली। बंद पड़ी जेट एयरवेज में हिस्सेदारी खरीदने के लिए अभिरुचि पत्र दाखिल करने वालों में रुचि दिखाने वालों के ठंडे रवैए के चलते उसके दोबारा शुरू हो पाने की उम्मीदें टूटती जा रही हैं। कंपनी के लिए चार योग्य निवेशकों में से तीन एतिहाद एयरवेज , टीपीजी कैपिटल और इंडिगो पार्टनर्स ने जेट के बही खाते देखने के लिए नॉन-डिस्क्लोजर करार पर अब तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
तीन कंपनियों ने नहीं किए साइन
सूत्रों के मुताबिक नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड ( एनआइआइएफ ) को छोड़कर किसी भी निवेशक ने बही-खाते और जरूरी दस्तावेजों की पड़ताल के लिए अपनी टीम नहीं भेजी है। मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि निवेशकों ने जेट को खरीदने के लिए मुश्किल शर्तें भी रखी हैं। वे बैंकों से कंपनी का 80 फीसदी कर्ज माफ करने को कह रहे हैं। विमानों के किराए की शर्तों में बदलाव की बात भी कही है।
स्लॉट, विमान दूसरों को देना पड़ रहा भारी
एक अधिकारी ने बताया कि सरकार के जेट के विमान और स्लॉट दूसरी कंपनियों को देने की शुरुआत करने के बाद निवेशकों की रुचि घटी है। केंद्र के इस कदम की आलोचना भी हुई थी।
कई कंपनियों से मिल चुके हैं अधिकारी
इस बीच, जेट का मैनेजमेंट देश के बड़े कारोबारी समूहों से मिलकर निवेश की अपील कर रहा है। पिछले दो हफ्तों में जेट के सीईओ विनय दूबे, फाइनैंस चीफ और चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर राजेश प्रसाद ने महिंद्रा, अडानी, टाटा और रिलायंस इंडस्ट्रीज के सीनियर एग्जिक्युटिव्स से मुलाकात की है। हालांकि अबतक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
एक महीने में 54 फीसदी टूटा शेयर
जेट एयर के शेयर में पिछले 1 महीने में करीब 54 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। पिछले एक साल की बात करें तो शेयर में करीब 77 फीसदी गिरावट आ चुकी है। 3 मई 2018 को शेयर का भाव 520 रुपये था, जो 2 मई 2019 को गिरकर 122 रुपए के भाव तक आया।
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Published on:
02 May 2019 06:51 pm
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