Taxable Income से डिसाइड होगी क्रीमी लेयर, बदल जाएगी परिभाषा
- वर्तमान समय में 8 लाख या इससे अधिक की आय कमाने वाले परिवार को क्रीमी लेयर में रखा जाता है।
- सरकार 12 लाख करने पर कर रही है विचार

नई दिल्ली: सरकार क्रीमी लेयर ( creamy layer ) के लिए आय की मौजूदा सीमा को भी बढ़ाने का फैसला ले सकती है। खबरों के मुताबिक सरकार OBC की क्रीमी लेयर को तय करने के लिए सरकार ने 'सैलरी' ( Salary )को शामिल करने का प्रस्ताव किया है। सरकार क्रीमी लेयर की सीमा को 8 लाख से बढ़ाकर 12 लाख रुपए करने की सिफारिश की है । फिलहाल नेशनल कमीशन फॉर बैकवर्ड क्लास ( National commission for backword class ) ने विरोध किया है।
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वर्तमान समय में 8 लाख या इससे अधिक की आय कमाने वाले परिवार को क्रीमी लेयर में रखा जाता है। आय के चलते ओबीसी के लिए उपलब्ध कोटा ( obc reservation ) का लाभ उन्हें नहीं मिलता है। जिसकी वजह से सरकार इस कोटे को तय करने के लिए ग्रॉस इनकम से टैक्सेबल इनकम का रुख कर सकती।
क्या होती है क्रीमी लेयर ( creamy layer ) ?
क्रीमी लेयर ओबीसी की वह कैटेगरी है जिसे एडवांस माना जाता है, और इसके चलते उन्हें नौकरी और शिक्षा में 27 फीसदी रिजर्वेशन नहीं मिलता है। सरकार का मानना है कि सैलरी के फैक्टर को शामिल कर समुदाय के संपन्न लोगों को अलग करने में मदद मिलेगी। इससे ओबीसी समुदाय के कमजोर वर्ग के लिए रास्ता खुलेगा।
एनसीबीसी ( NCBC ) कर रही है विरोध- NCBC सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है। उनका कहना है कि सरकार के इस कदम से पिछड़ा वर्ग समुदाय के हितों को नुकसान होता है। ओबीसी वेलफेयर पर संसदीय समिति के चेयरमैन और वरिष्ठ भाजपा सदस्य गणेश सिंह ने ओबीसी समुदाय के सभी दलों के सदस्यों से कहा था कि वे कैबिनेट के प्रस्ताव का विरोध करें। इसस मामले पर संसदीय कमेटी ने अमित शाह से भी चर्चा की है।
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