अमेजन-वालमार्ट को मात देने के लिए मुकेश अंबानी ने बनाया सुपर प्लान, धमाकेदार होगी एंट्री ये है मामला दरअसल हाल ही में चीन गए पीएम मोदी से चीन सरकार ने भारत से अपनी एयरलाइन कंपनियों के लिए दोनों देशों के बीच ज्यादा उड़ानों की अनुमति मांगी थी। चीन सरकार की इस मांग का भारतीय एयरलाइनों ने पुरजोर विरोध किया था। इसके बाद सरकार एक्शन में आई और चीन सरकार के प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया। खबरों के अनुसार भारतीय एयरलाइन कंपनियों ने सरकार से कहा था कि चीन को इस प्रकार की अनुमति देने से उनकी विस्तार को योजना प्रभावित हो सकती है। इसके बाद मोदी सरकार ने भारतीय कंपनियों के हित में चीनी सरकार के प्रस्ताव को इनकार कर दिया।
इन कंपनियों ने जताया था विरोध खबरों के अनुसार चीनी सरकार की मांग को लेकर उड्डयन मंत्रालय ने हाल ही में एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में भारतीय एयरलाइन कंपनी इंडिगो, जेट एयरवेज, स्पाइसजेट, गोएयर समेत एयर इंडिया के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया था। भारतीय कंपनियों के अधिकारियों ने बैठक में उड्डयन मंत्रालय के सामने अपना विरोध जताया था।
अभी यह है स्थिति विमानन सेक्टर से जुड़े सूत्रों के अनुसार अभी दोनों देशों की एयरलाइन एक सप्ताह में 42-42 उड़ानों की इजाजत है। चीनी कंपनियों इसमें से अपने कोटे का 93 फीसदी हिस्से का प्रयोग कर रही है। लेकिन भारतीय कंपनियांं मात्र 12 फीसदी हिस्सा ही इस्तेमाल कर पा रही हैं।