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4.58 लाख करोड़ रुपए की है सलून इंडस्ट्री
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो देश में सलून इंडस्ट्री 4.58 लाख करोड़ रुपए की है। यही वजह से देश में लॉकडाउन के कारण इस इंडस्ट्री रोजाना करोड़ों रुपयों का नुकसान हो रहा है। यही नहीं सलून इंडस्ट्री की रफ्तार में तेजी देखने को मिल रही थी। बीते कुछ सालों में महिलाओं के साथ पुरुषों में खूबसूरत दिखने के साथ अपने लुक्स को लेकर भी काफी एक्सपेरिमेंटल हो गए हैं। जिसकी वजह से सलून खासकर जहां पर एक्सपर्ट हों डिमांड ज्यादा बढ़ गई थी। आंकड़ों के अनुसर देश में सलून इंडस्ट्री लॉकडाउन से पहले 25 से 30 फीसदी की रफ्तार से भाग रही थी। जो यह दिखाता है कि लोगों में सलून जाने को लेकर कितना क्रेज बढ़ गया है।
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एसोचैम की रिपोर्ट से समझें
इंडस्ट्री की रफ्तार के बारे में एसोचैम की रिपोर्ट और महिलाओं और पुरुषों का सलून में प्रति माह होने वाले खर्च से समझने की कोशिश करते है। पिछले साल आई एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में ब्यूटी प्रोडक्ट्स और उससे जुड़ी हुई सर्विस में क्रेज काफी बढ़ा है। महानगरों से लेकर टाउन इलाकों और गांवों तक में कटिंग, शेविंग के साथ फेशियल, ब्लीच, मसाज, पेडिक्योर, मेनिक्योर आदि सर्विस भी लेने लगे हैं। जिसकी वजह महिलएं औसतन हर महीने ब्यूटी पार्लर पर 2 से 3 हजार रुपए खर्चा करती है। जबकि 2018 में यह औसत 1500 रुपए से लेकर 1800 रुपए के आसपास था। वहीं बात पुरुषों की करें तो पुरुष सलून में प्रति माह 500 रुपए से लेकर 1500 रुपए खर्च करते हैं। जबकि 2018 में यह आंकड़ा 200 रुपए से लेकर 300 रुपए तक था।
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अभी सलून खुलने के आसार नहीं
जानकारों की मानें तो मौजूदा समय में सलून इंडस्ट्री पर ताला ही दिखाई दे सकता है। इसका कारण है कि सलून से कोरोना वायरस फैलने का खतरा ज्यादा है। सलून में एक ही टॉवेल का यूज होता है। वहीं सलून में कई लोगों का आना जाना लगा रहता है। आपको बता दें मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में 6 लोगों ने बाल कटवाए थे, जिन्हें कोरोना वायरस हो गया था, क्योंकि सलून में एक ही तौलिए का यूज हुआ था। आपको बता दें कि 3 मई तक देश में लॉकडाउन है। अब देखना दिलचस्प होगा कि देश की इतनी बड़ी इंडस्ट्री की हजामत कितने दिनों तक जारी रहती है।