बिजली कंपनियों पर कुल 32,000 करोड़ रुपये बकाया-
कोल इंडिया के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘बिजली कंपनियों पर कुल 32,000 करोड़ रुपये का बकाया है। किसी भी सहायक कंपनी की यह सबसे बड़ी बकाया रकम है। दरअसल बिजली बनाने वाली कंपनियों को लॉकडाउन के चलते कैश के संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में उनकी ओर से पेमेंट नहीं की जा रही।’ कंपनी की पूरी कैपिटल बिजली कंपनियों को सप्लाई देने और कोयले के उत्पादन में खर्च हो जाने के कारण अब कंपनी के पास कर्मचारियों की सैलेरी और पीएफ जैसे खर्चों को पूरा करने के लिए कैश नहीं बचा है।
कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि वो बैंको से बात कर रहे हं ताकि कुछ हल निकाला जा सके वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से ऊर्जा कंपनियों और ग्रामीण इलाकों में इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए 90,000 करोड़ रुपये के लोन का प्रस्ताव पेश किया गया है। इन कंपनियों को फंड मिलने के बाद हम भी उम्मीद कर रहे हैं कि कंपनियों की ओर से हमें पेमेंट की जाएगी।