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टीम इंडिया की जीत पर MP में जश्न, ढोल की थाप पर थिरक उठे विवेक के माता-पिता और भाई

विवेक सागर प्रसाद के घर पर जमकर जश्न मन रहा है

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इटारसी. ओलंपिक हॉकी में एक बार फिर भारत का परचम लहराया है। #TokyoOlympics में इंडियन टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराकर ब्रांज मेडल जीत लिया है। ओलंपिक गेम्स में पूरे 41 साल बाद भारत को यह उपलब्धि हासिल हुई है। 1980 में मास्को ओलिंपिक के बाद अब भारत ने कांस्य पदक जीतने में सफलता हासिल की है। भारत की इस जीत में एमपी के विवेक सागर प्रसाद का अहम योगदान रहा, जब उन्होंने अर्जेंटीना के खिलाफ 58 वें मिनट में गोल दागकर टीम को क्वार्टर फाइनल में पहुंचाया था।

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मैच में भारत के जीतते ही देश—प्रदेश के साथ विवेक सागर के गृहनगर इटारसी और गांव चांदौन में जमकर जश्न मनाया गया। इटारसी में हॉकी प्लेयर्स और विवेक के फैंस ने खूब आतिशबाजी की। इधर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी भारतीय टीम सदस्यों को बधाई दी है. प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए भारतीय टीम को बधाई दी है।

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आज के मैच में भी टीम के मिडफील्डर विवेक सागर प्रसाद का कमाल नजर आया. उन्होंने डिफेंस में अपनी भूमिका पूरी तरह निभाई. मैच में 3-1 से पिछड़ने के भारतीय टीम ने जबरदस्त वापसी की थी और जर्मनी पर एक के बाद एक लगातार 4 गोल दागे। सिमरनजीत सिंह ने 17वें मिनट में गोल दाग दिया था पर बाद में हम पिछड़ गए. हालांकि टीम ने हौसला बनाए रखा और हार्दिक सिंह ने 27वें, हरमनप्रीत सिंह ने 29वें और रुपिंदर पाल सिंह ने 31वें मिनट में गोल किया।

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34वें मिनट पर सिमरनजीत सिंह ने दूसरा गोल कर रही—सही कसर भी पूरी कर दी. बाद में जर्मनी ने एक और गोल दागकर स्कोर 5-4 कर दिया था और ताबडतोड हमले किए पर विवेक सागर प्रसाद सहित भारतीय डिफेंस ने जर्मनी को कोई मौका नहीं दिया। जर्मनी पर जीत दर्ज करते ही इटारसी और होशंगाबाद में हॉकी प्रेमियों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। इटारसी में ध्यानचंद चौराहे पर हॉकी प्रेमियों और विवेक सागर प्रसाद के फैंस ने पटाखे फोड़कर अपनी खुशियों का इजहार किया।

विवेक सागर प्रसाद के घर पर तो जमकर जश्न मन रहा है. घर में ढोल बज रहे हैं और माता—पिता, भाई—बहन गांववालों, परिचितों के साथ थिरक रहे हैं. विवेक के भाई विद्या सागर ने बताया कि इंडियन टीम के जीतते ही माता—पिता को बधाई देने लोग घर आ गए और मुंह मीठा कराया। विवेक के शिक्षक पिता रोहित प्रसाद ने भारतीय टीम के प्रदर्शन और अपने बेटे विवेक सागर की उपलब्धि को अविस्मरणीय बताया है.

विवेक के कोच रहे हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के पुत्र अशोक ध्यानचंद भी टीम की इस जीत से बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय हॉकी का सुनहरा दौर अब वापस आ रहा है। विवेक सागर प्रसाद ने ओलिंपिक तक का सफर इटारसी के पास के छोटे से गांव चांदौन से शुरू किया था। वे अनेक नेशनल और इंटरनेशनल लेबल की प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं जहां अच्छे प्रदर्शन के बल पर उन्हें भारतीय टीम में चुना गया था।

अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) द्वारा 2019 के लिए विवेक सागर को राइजिंग स्टार ऑफ द ईयर चुना जा चुका है। टोक्यो ओलिंपिक में ब्रांज मेडल जीतकर विवेक ने इतिहास के सुनहरे पन्ने में अपना नाम दर्ज करवा लिया है।