
Tribals land bought on the basis of fake documents, rasaal, itarsi
इटारसी. शहर के एक परिवार ने शाहपुर-भौंरा क्षेत्र में आदिवासी बनकर आदिवासियों की जमीन औने-पौने दाम देकर हड़प ली। यह मामला उस समय उजागर हुआ जब एक आरटीआइ एक्टिविस्ट ने दस्तावेजों को प्राप्त करने के बाद बारीकी से खंगाला। इस मामले की शिकायत शाहपुर तहसीलदार और एसडीएम से भी की है।
रविवार को स्थानीय पत्रकार भवन में आयोजित एक पत्रकारवार्ता में आरटीआइ एक्टीविस्ट प्रमोद पगारे और आदिवासी परिवार ने बताया कि किस तरह उद्धव रसाल एवं उनके परिवार ने आदिवासियों एवं शासन के साथ धोखाधड़ी की है। आदिवासी परिवार की जमीनों को खरीदने के लिए उन्होंने स्वयं को हलवा जाति का आदिवासी बताया। यह जमीन 15 से 40 हजार रुपए देकर अपने नाम करा ली। जबकि इटारसी तहसील के अंतर्गत ग्राम पीपलढ़ाना, मेहरागांव एवं इटारसी में जमीन खरीदते समय स्वयं को मराठा जाति का गैर आदिवासी बताकर क्रय की।
- आदिवासी परिवार ने कहा हुई धोखाधड़ी
डोडरा मोहर निवासी विक्रेता मुंशीलाल के छोटे भाई गजराज ने बताया कि उनका परिवार पढ़ा-लिखा नहीं होने के कारण रसाल परिवार ने उनकी जमीनों को कम दाम देकर अपने नाम खरीद ली। गजराज ने कहा न्यायालय प्रक्रिया करके वे अपने हक की जमीनें वापस लेंगे। इस मामले में दोषियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी करेंगे।
आदिवासी बनकर खरीदी गई जमीनें
- शाहपुर तहसील अंतर्गत डोडरा मोहर निवासी मुंशीलाल पिता शेरसिंह जाति गोंड की खसरा नं. 232/2 रकबा 2.287 हेक्टेयर लगभग 5.65 एकड़ भूमि, मौजा रायपुर निवासी सकियाबाई पति बारातीलाल जाति गोंड की खसरा नं. 57 रकबा 3.440 हैक्टेयर लगभग 8.50 एकड़ भूमि 07/06/2000 को उद्धव पिता शिवराम रसाल ने क्रय की।
- खसरा नं. 57 में आदिवासी की हलवा जाति बदलकर सोहन रसाल एवं परिवार ने स्वंय को गोंड जाति का बताया और निवासी बैतूल का बताया।
- खसरा नं. 122/25 रकवा 0.090 हेक्टेयर भूमि भी क्रय की गई।
- खसरा नं. 226/2 रकवा 0.202 हैक्टेयर, खसरा नं. 226/4 रकबा 1.417 हैक्टेयर, खसरा नं. 283 रकबा 1.246 हैक्टेयर एवं खसरा नं. 527/1 रकबा 0.315 जमीन क्रय की गई।
गैर आदिवासी बनकर खरीदी यह जमीनें
- रसाल परिवार तहसील इटारसी के ग्राम पीपलढ़ाना निवासी सुरेश कुमार पिता प्रेमनारायण दुबे के खसरा नं. 189 एवं 190 रकबा 0.526 हेक्टेयर लगभग 1.30 एकड़ भूमि कालिंदी पति अशोक रसाल ने क्रय की जिसके विक्रय पत्र में क्रता एवं विक्रता दोनों ही गैर आदिवासी बताए गए है।
- अशोक के पुत्र शंकर रसाल ने इटारसी के वार्ड 17 आसफाबाद के परिवर्तित हलका क्रमांक 13 परिवर्तित खसरा क्रमांक 71 शीट नं. 25 प्लाट नं. 50/2डी क्षेत्रफल 770 वर्गफुट भूखंड क्रय किया है।
इनका कहना हैं...
मैं बाहर हूं, सारे आरोप झूठ हैं। हमने कानूनी तरीके से जमीनें खरीदी हैं । हमारी जाति हलवा है और मप्र के जाति ***** पत्र में 17 नंबर पर इस जाति का उल्लेख है। हमारे पास जाति प्रमाणपत्र मौजूद है। अनुविभागीय अधिकारी द्वारा उसे विधिवत रूप से पूरी जांच के बाद जारी किया गया है। हम इटारसी के निवासी हैं। रजिस्ट्री के वक्त हमने निवास हाल मुकाम इटारसी लिखा है। यह सब परेशान करने के उदेश्य से किया जा रहा है ।
सोहन रसाल, रसाल परिवार के सदस्य
Published on:
01 Mar 2020 08:58 pm
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