
104 साल बाद बने दुर्लभ चंद्र ग्रहण योग पर करें ये उपाय
जबलपुर। भारतीय वैदिक परम्परा को मानने वालों के लिए ग्रहणकाल हमेशा से कौतूहल और जिज्ञासा का विषय रहा है। वर्ष 2018 ऐसा साल है जिसमें दो बार चंद्रग्रहण के योग बने हैं। एक चंद्रग्रहण 31 जनवरी को हो चुका है। दूसरा खग्रास चंद्रग्रहण आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर 27 जुलाई शुक्रवार को है। ग्रहण पर कुछ योग ऐसे हैं जो करीब 104 वर्षों बाद बन रहे हैं। स्पर्श से लेकर मोक्षकाल तक इसका समय 3 घंटे 54 मिनट 33 सेकेंड का रहेगा। यही कारण है कि इस चंद्रग्रहण को सदी का सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण माना जा रहा है। यह मध्य रात्रि के बाद तक पूरे भारत में दिखाई देगा। ज्योतिषाचार्य पं. जनार्दन शुक्ल के अनुसार यह ग्रहण शनि की प्रभावित चार राशियों के लिए अशुभ रहेगा। हालांकि छोटे-छोटे उपायों से ग्रहण के विपरीत असर को आसानी से कम किया जा सकता है। आइए आपको भी राशि के अनुसार उन उपायों से अवगत कराते हैं।
मकर राशि पर है ग्रहण
ज्योतिषाचार्य और पंचांगकार पं. नारायणशंकर व्यास के अनुसार पूर्णिमा पर 27-28 जुलाई की मध्य रात्रि को पडऩे वाला खग्रास चंद्रग्रहण उत्तराषाढ़ा-श्रवण नक्षत्र और मकर राशि पर पड़ रहा है। इसका असर शनि की राशियों पर विशेष रूप से पड़ेगा। यह खग्रास चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत के साथ एशिया, आस्ट्रेलिया, रूस, अफ्रीका, यूरोप और दक्षिणी अमेरिका के मध्य और पूर्वी भाग में भी दिखाई देगा। ग्रहण मेष राशि, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों के लिए शुभ तथा वृष, कर्क, कन्या व धनु राशि के जातकों के लिए मिश्रित फलकारी रहेगा। इसी तरह मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए यह अशुभ कारक रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं. रामसंकोगी गौतम के अनुसार चंद्रग्रहण के दिन विभिन्न अशुभ योगों के कारण प्राकृतिक आपदा से नुकसान भी हो सकता है। वहीं गोचर में मकर राशि के केतु के साथ चंद्रमा का प्रभाव और राहु से उसका समसप्तक दृष्टि संबंध होना भी ठीक नहीं है। साथ ही शनि और मंगल का वक्री होना भी प्राकृतिक घटनाओं की तरफ इशारा करता है। ऐसे जातक जिनका जन्म नक्षत्र उत्तरा आषाढ़ एवं श्रवण नक्षत्र व जन्म राशि और लग्न मकर है, उनके लिए ग्रहण विशेष अशुभ है। इसलिए ऐसे लोगों को चंद्रग्रहण के दौरान संभलकर रहना चाहिए। गर्भवती स्त्रियों और अशक्त लोगों को ग्रहण नहीं देखना चाहिए।
3 घंटे 54 मिनट का रहेगा ग्रहण
ज्योतिषाचार्य पं. व्यास के अनुसार खग्रास चंद्र ग्रहण का सूतक 27 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 54 मिनिट से प्रारंभ हो जाएगा। बाल, वृद्ध और रोगियों के लिए इसे एक प्रहर पूर्व यानी रात्रि 8 बजकर 54 मिनिट से माना जाना चाहिए। ग्रहण का स्पर्श यानी ग्रहण काल रात्रि 11 बजकर 54 मिनिट पर प्रारंभ होगा। रात्रि 1 बजकर 52 मिनिट पर पूर्ण ग्रहण और रात्रि को 3 बजकर 49 मिनिट पर इसका मोक्षकाल रहेगा। स्पर्श से लेकर मोक्षकाल तक इसका समय 3 घंटे 54 मिनट 33 सेकेंड का रहेगा। यही कारण है कि इस ग्रहण को सदी का सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण माना जा रहा है।
ये है ग्रहण का समय
सूतक का प्रारंभ काल - 2.54 बजे दिन से
ग्रहण स्पर्श - रात 11.54 बजे
ग्रहण सम्मिलन - रात 12. 59 बजे
ग्रहण का मध्य - रात 1.52 बजे
उन्मूलन - रात 2.54 बजे
ग्रहण का मोक्ष - 3.49 बजे
इन राशियों पर असर
शुभ फल - मेष, सिंह, वृश्चिक व मीन राशि वालों के लिए शुभफल कारक
मिश्रित फल - वृष, कर्क, कन्या व धनु राशि के लिए मध्यम फल देने वाला
अशुभ कारक - मिथुन, तुला, मकर व कुंभ राशि वालों के लिए अशुभ फल कारक रहेगा
किस राशि के जातक क्या करें
मेष - शारीरिक कष्ट। धन का व्यय। मंगल से संबंधित दृव्यों गुड और मसूर की दाल का दान करें।
वृष - धन का व्यय। मानसिक चिंता। श्री सूक्त का पाठ करें और मंदिर में अन्न दान करें।
मिथुन - रोग में वृद्धि। धन का व्यय। गो माता को पालक खिलाएं।इससे ग्रहण का दुष्प्रभाव कम होगा।
कर्क - शारीरिक और मानसिक कष्ट। व्यय की अधिकता। शिव उपासना करें। चंद्रमा के बीज मंत्र का जप करें।
सिंह - क्रोध की अधिकता। धन का व्यय। गायत्री मंत्र का जप करें। धार्मिक पुस्तक का दान करें।
कन्या - धन का आगमन लेकिन व्यय भी होगा। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। गाय को पालक खिलाएं।
तुला - मानसिक चिंता। धन की प्राप्ति। व्यय की अधिकता। श्री सूक्त का पाठ करें। अन्न का दान करें।
वृश्चिक - मानसिक चिंता बनी रहेगी लेकिन धार्मिक कार्यों में व्यस्तता उसे समाप्त कर देगी। श्री बजरंग बाण का पाठ करें।
धनु - आर्थिक सफलता। स्वास्थ्य में समस्या। श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें। गाय को केला खिलाएं।
मकर - आर्थिक नुकसान।स्वास्थ्य में परेशानी। श्री सुंदरकांड का पाठ करें। तिल का दान करें।
कुंभ - आर्थिक लाभ।स्वास्थ्य में परेशानी। श्री हनुमान बाहुक का पाठ करें। तिल का दान करें।
मीन - शिक्षा तथा प्रतियोगिता में सफलता। स्वास्थ्य में परेशानी। श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें। गो माता को केला खिलाएं।
चंद्र ग्रहण के बाद करें ये काम
- ग्रहण खत्म होते ही स्नान करें और फिर स्वच्छ या नए वस्त्र पहनें
- पितरों के तर्पण के लिये सुपात्र ब्राह्मणों को दान दें
- धार्मिक स्थल पर जाकर भगवान के दर्शन करें
- अगर आपके घर के पास कोई पोखर, नदी या घाट हैं तो वहां जाकर स्नान करना उचित रहेगा
- नहाने के बाद मंदिर में जाकर शिव जी का पूजन करें
- ग्रहण काल के खत्म होने बाद देवताओं की मूर्तियों पर गंगाजल छिडकक़र उन्हें शुद्ध करें
- ग्रहण काल के दौरान तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए, लेकिन ग्रहण खत्म होने के बाद पौधे पर गंगाजल छिडकक़र उनका शुद्धिकरण करें
- ग्रहण के बाद घर में पोंछा लगाकर धूप-बत्ती करें। ऐसा करने से सारी नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाएगी।
Published on:
23 Jul 2018 11:59 pm
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