ज्यादातर विभागों के प्रमुख अधिकारी शिकायतों का निराकरण करने के लिए खुद सक्रिय होने के बजाय बाबुओं पर निर्भर हैं। शिकायतों के निराकरण की रफ्तार धीमी है। समय सीमा बैठक में कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी ने जिले के सभी अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि वे स्वयं फरियादियों से बात कर उनकी समस्याओं का निबटारा करें, अन्यथा उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।