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स्पेशल केबल पर टिकेगा ब्रिज का 70 टन भार, 100 साल सहेगा यातायात का भार

जबलपुर केबल स्टे ब्रिज : मदन महल रेलवे स्टेशन पर बन रहे ब्रिज का फ्रांस के इंजीनियर्स ने किया निरीक्षण  

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स्पेशल केबल पर टिकेगा ब्रिज का 70 टन भार, 100 साल सहेगा यातायात का भार

cable bridge

खास-खास
- 56 एक्स्ट्रा डोज केबल लगाई जाएंगी ब्रिज में
- 36 केबल से मिलकर बनी है एक एक्स्ट्रा डोज केबल
- 385.5 मीटर लम्बा है ब्रिज
- 193.5 मीटर का सिंगल स्पान
- 96 मीटर के दो एड्जेसेंट स्पान
- 17 मीटर है चौड़ाई
- 37 मीटर जमीन से कुल ऊंचाई
- 70 टन होगी ब्रिज की भार वहन क्षमता
- 15 विशेषज्ञों की टीम ने प्रोजेक्ट से जुड़ी तकनीकी टीम को दिया प्रशिक्षण

जबलपुर। फ्लाईओवर के मदन महल रेलवे स्टेशन पर निर्माणाधीन एक्स्ट्रा डोज केबल स्टे ब्रिज को हाइटेंशन केबल थामकर रखेंगी। स्पेशल स्टील से बनी प्रत्येक एक्स्ट्रा डोज केबल 36 केबल से बनाई गई है। यह ब्रिज सौ साल की जरूरत को पूरा करने के लक्ष्य को लेकर बनाया जा रहा है, जिसकी भार क्षमता 70 टन होगी।

मजबूत और टिकाऊ
जबलपुर. निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार रेलवे स्टेशन पर बन रहे देश के इस सबसे बड़े एक्स्ट्रा डोज केबल स्टे ब्रिज का शनिवार को फ्रांस के इंजीनियर्स ने निरीक्षण किया। टीम में शामिल आइई मिस राइका ने बताया कि लम्बे स्पॉन वाले ब्रिज के लिए मॉडर्न इंजीनियरिंग में एक्स्ट्रा डोज केबल स्टे ब्रिज बहुत उपयोगी हैं। इस तकनीक से बने ब्रिज मजबूत और टिकाऊ होते हैं।

मॉडर्न इंजीनियरिंग का नायाब नमूना

निर्माणाधीन केबल स्टे ब्रिज में विशेष तकनीक ‘कास्ट इनसिटु फॉर्म ट्रैवल गंट्री’ का उपयोग किया जा रहा है। इसमें जमीन से बिना किसी सपोर्ट के कांक्रीट स्लैब की ढलाई की जा रही है। एक बार में 5-5 मीटर के सेगमेंट की ढलाई हो रही है। इसका वजन 180-190 टन होता है। इसे बैलेंस कैंटलीवर तकनीक से बनाया जा रहा है, जिसमें 56 स्टे केबल से इसका लोड डिस्ट्रिब्यूशन होगा। स्ट्रक्चर में रोजाना तीन बार डिफ्लेक्शन चेक किया जाता है। इसकी मॉनीटरिंग फ्रेसिनेट कम्पनी कर रही है। अप्रूवल आने के बाद ही आगे का कार्य होता है। फ्रांस से आई फ्रेसिनेट कम्पनी की एक्सपर्ट मिस राईका केबल स्टे व उनकी टीम ने ब्रिज का निरीक्षण किया। उनहोंने 15 इंजिनियर्स को प्रशिक्षण भी दिया। राइका ने कहा कि यह ब्रिज सिविल इंजीनियरिंग स्ट्रक्चर्स श्रेणी में एक मील का पत्थर साबित होगा। निरीक्षण के समय लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर एसपी वर्मा, अधीक्षण यंत्री गोपाल गुप्ता व तकनीकी टीम मौजूद थी।