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 बिना छप्पर के इस मंदिर में कभी नहीं होती चोरी, हनुमानजी करते हैं रक्षा

अनोखा हनुमान मंदिर, पाटन के दोनी गांव में बने हनुमान मंदिर से जुड़ी है अजीब मान्यता

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neeraj mishra

Jan 24, 2017

amazing hanuman temple

amazing hanuman temple

जबलपुर। आपने कई मंदिरों चोरी की घटनाओं के बारे में सुना और देखा होगा। हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां छप्पर तक नहीं है। केवल दीवारें खड़ी हैं। दीवारों के सहारे बैठे भगवान के पास आभूषण भी रखे रहते हैं। इसके बाद भी यहां चोरी नहीं होती। ग्रामीणों की मान्यता है कि मंदिर की रक्षा स्वयं हनुमानजी करते हैं। 10 साल पहले चोर हनुमान जी का गदा चोरी करके ले गए थे। दो दिन बाद वह गदा खुद वहां वापस आ गई थी। बीहड़ इलाके में बने इस हनुमान मंदिर में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है।

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हम बात कर रहे हैं पाटन तहसील के दोनी गांव में बने हनुमान मंदिर की। यह हनुमान मंदिर करीब दो एकड़ भूमि में बना हुआ है। जहां हनुमानजी विराजमान हैं वहां केवल चार दीवरें खड़ी हैं। छत पर छप्पर तक नहीं है। गांव के लाखन सिंह बताते हैं कि कई बार मंदिर का छप्पर बनाने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ ही दिनों में छप्पर गिर जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि हनुमान जी खुले आसमान तले ही बैठना पसंद करते हैं, इसलिए वे स्वयं यहां छप्पर बनाने नहीं देते।


पाताल तक गया हनुमान जी का पैर

हनुमान जी की प्रतिमा पेड़ से टिकी हुई है। एक पांव जमीन के ऊपर है। वहीं दूसरा पैर जमीन के अंदर है। गांव के लोग बताते हैं कि कई बार खुदाई की गई, लेकिन यह पता नहीं चल पाया कि आखिर हनुमान जी के पैर की गहराई कहां तक है। ग्रामीणों का कहना है कि हनुमान जी का पैर पाताल तक गया हुआ है।

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हजारों साल पुराना पेड़

मंदिर के पुजारी रामनारायण बताते हैं कि मंदिर में लगा महुआ का पेड़ बहुत प्राचीन है। सैकड़ों साल से इसी पेड़ के नीचे बजरंगबली खड़े हुए हैं। बताया जाता है कि पेड़ करीब दो हजार साल पुराना है।

मन्नतों के बजरंगबली

इस मंदिर की खासियत यह है कि भले ही यह बीहड़ इलाके में बना हुआ है, लेकिन यहां पर रोजना सैकड़ों लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है। विधायक से लेकर मंत्री तक इस मंदिर में अर्जी लगाने पहुंचते हैं।

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