
जबलपुर. मानसून के दौरान जहां प्रकृति में नए पौधे और फूलों की रंगत छा जाती है, ठीक उसी तरह बारिश का मौसम थमने के बाद तितलियों की संख्या में बढ़ाेत्तरी हो जाती है। तितलियां हमेशा से अच्छे पर्यावरण की संवाहक रहीं हैं, जो अच्छी जैवविविधता होने की तरफ इशारा करती हैं। शहर के समृद्ध पर्यावरण की जानकारी आसपास मौजूद 70 से अधिक तितलियों की प्रजातियां दे रहीं हैं।
तितलियों पर शोध कार्य भीशहर के डॉ. अर्जुन शुक्ला और शोधार्थी श्रद्धा खापरे द्वारा शहर में मौजूद तितलियों की प्रजातियों पर शोध कार्य भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वैसे तो तितलियों की विविधता हर सीजन में नजर आती है, लेकिन बारिश के दौरान यह समय अनुकूल होता है। मानसून के दौरान नए फूल और पौधे उगने के कारण तितलियों को अपने पोषण और प्रजनन के लिए पर्याप्त साधन मिलते हैं। इस साल इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी भी नजर आ रही है।
ये प्रजातियां हैं खास- इवनिंग ब्राउन
- लाइन बटरफ्लाई- लाइम बटरफ्लाई
- इंडियन मोरमोन- प्लेन टाइगर
- ब्लू टाइगर- ग्लॉसी टाइगर
- कॉमन रोज- कैबेस वाइट
- बैरोनेट- पिंसी
- लेजर ग्रास ब्लू
Published on:
06 Oct 2022 08:09 pm
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