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आईपीएस अखिलेश झा को डीआईजी पद पर पदोन्नत करने के लिए करो विचार

केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण का आदेश

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Court verdict: Four years rigorous imprisonment to bribe accused Dr RP

जबलपुर. केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की जबलपुर बेंच ने आईपीएस अधिकारी अखिलेश झा को राहत दी है। कैट के न्यायिक सदस्य रमेश सिंह ठाकुर व प्रशासनिक सदस्य नवीन टंडन की बेंच ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि डीआईजी पद पर पदोन्नति के लिए 31 दिसम्बर को होने वाली डीपीसी में झा के नाम पर विचार किया जाए। कोर्ट ने राज्य सरकार को अंतिम अवसर देते हुए 17 जनवरी तक जवाब देने के निर्देश दिए।

34वीं बटालियन एसएएफ, धार के कमांडेंट अखिलेश झा की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि उनके खिलाफ विभाग ने चार्जशीट जारी की थी। पांच जनवरी 2018 को कैट की बेंच ने चार्जशीट खारिज कर दी। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने मप्र हाईकोर्ट की शरण ली। लेकिन, हाईकोर्ट ने भी पांच सितम्बर 2019 को सरकार की याचिका निरस्त कर दी। इसके बावजूद 15 दिसम्बर को होने वाली डीपीसी के लिए याचिकाकर्ता के नाम पर विचार नहीं किया गया। अधिवक्ता पंकज दुबे ने तर्क दिया कि छह दिसम्बर को मामले की सुनवाई हुई।

राज्य सरकार को 30 दिसम्बर तक का समय दिया गया। इसके बावजूद सरकार की ओर से मामले पर अपना पक्ष नहीं पेश किया गया। इसी बीच उन्हें जानकारी मिली कि डीपीसी 31 दिसम्बर को होने जा रही है। उन्होंने आग्रह किया कि ऐसी परिस्थितियों में उक्त डीपीसी में याचिकाकर्ता को डीआईजी पद पर पदोन्नत किया जाए, क्योंकि उनसे कनिष्ठ कई अधिकारियों को पदोन्नत कर डीआईजी बना दिया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता के नाम पर भी डीआईजी की पदोन्नति के लिए विचार किया जाए। सरकार को जवाब के लिए आखिरी अवसर दे दिया गया।