
Next wave of Coronavirus will reach at its peak very fast if... Centre Govt warns
जबलपुर. सदर में रहने वाले 57 वर्षीय व्यक्ति कोरोना की पहली लहर के दौरान संक्रमण की जकड़ में आए थे। तब से उपचार और स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। डेढ़ महीने का वक्तबीत चुका है। कोरोना को मात दे चुके हैं। लेकिन, संक्रमण से घिरने के बाद दो ऐसी बीमारियों ने उन्हें घेर लिया, जिससे छुटकारा नहीं मिल रहा। कोरोना संक्रमण काल में शुरू हुआ हाथ-पैर का दर्द अभी तक बना हुआ है। अंदर से कमजोरी महसूस करते हैं। बड़ी समस्या ये है कि उनकी नींद पूरी नहीं हो रही। बार-बार नींद टूट जाती है। ऐसी परेशानी लेकर प्रतिदिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना को मात दे चुके कई लोग पहुंच रहे हैं। अस्पताल की ओपीडी में कोरोना से स्वस्थ होने के बाद हर उम्र के मरीज कुछ स्वास्थ्य सम्बंधी समस्या लेकर आ रहे हैं। ज्यादा उम्र वालों को कोरोना होने के बाद ज्यादा परेशानियां हैं। इसे देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सक वरिष्ठ नागरिकों को ठंड के मौसम में कोरोना से बचाव को लेकर ज्यादा सावधानी बरतने के लिए कह रहे हैं। स्वस्थ होने के बाद भी सामान्य होने में लग रहा समय कोरोना मरीज की उम्र : पूरी तरह स्वस्थ हो रहे 20-40 वर्ष : 20-30 दिन 41-50 वर्ष : 35-45 दिन 51 व अधिक : 50-60 दिन जैसा कि डॉक्टरों को कोरोना से स्वस्थ हो चुके व्यक्तियों में सामान्य रूप से देखने में पता चला है।
----------- कोरोना ठीक होने के बाद मरीजों में है ये समस्या - हाथ-पैर में दर्द, - कमजोरी लगना- काम में मन ना लगना - स्टेमना पहले जैसी नहीं - मन खराब रहना- स्वभाव में चिड़चिड़ाहट - पहले जैसा उत्साह नहीं - मानसिक अवसाद
--------------- प्रतिदिन 6-8 पुराने मरीज आ रहे मेडिकल के पलमोनरी मेडिसिन विभाग में कोरोना सम्बंधी लक्षणों वाले मरीजों की जांच और उपचार किया जा रहा है। यहां कोरोना संदिग्ध लक्षण पर जांच कराने के लिए आने वाले मरीजों के बीच कुछ पुराने कोरोना मरीज भी मिल रहे हैं। बताया जा रहा है कि ओपीडी में प्रतिदिन छह-आठ पुराने कोरोना मरीज डिस्चार्ज होने के बाद भी कमजोरी, नींद ना आना, बार-बार नींद टूटना और मानसिक समस्या महसूस करने की शिकायत लेकर आ रहे है। ज्यादा उम्र वाले मरीजों को दर्द, अवसाद और नींद सम्बंधी समस्या ज्यादा है। लापरवाही वृद्धों पर भारी पड़ सकती है डॉक्टर्स का मानना है कि सामान्य रूप से भी ठंड का मौसम ज्यादा उम्र वाले मरीजों के सेहत को लापरवाही होने पर नुकसान पहुंचाता है। वर्तमान में कोरोना काल में वरिष्ठ नागरिकों को और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना का संक्रमण फेफड़े में असर डालता है। सामान्य रूप से कोरोना मरीज 17-20 दिन में संक्रमण का मात दे देते हैं। लेकिन, ज्यादा उम्र के साथ बीपी, डायबिटीज या कोई अन्य गम्भीर बीमारी से पीडि़त होने पर कोरोना को मात देने में कई बार मरीज की हालत बिगड़ जाती है।
वर्जन
कोरोना का संक्रमण शक्तिशाली है। एक कोरोना मरीज को स्वस्थ्य होने के बाद भी पूरी तरह सामान्य होने में कई दिन लग रहे हैं। जितनी ज्यादा उम्र है, कोरोना मरीज की, उसे उतना समय पहले की तरह सामान्य होने में लग रहा है। संक्रमण से सुरक्षित रहने का वर्तमान में एक ही अचूक उपाय है बचाव।
- डॉ. जितेंद्र कुमार भार्गव, डायरेक्टर, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन
Published on:
23 Nov 2020 09:18 pm
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