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जबलपुर । शहर में निगरानी बदमाशों को लेकर पुलिस गम्भीर नहीं है। आलम यह है कि अपराधी जेल से जमानत पर छूटते ही लूट व चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग रही। बीते कुछ प्रकरणों में दूसरे थाने में गिरफ्तारी के बाद पुलिस की नींद टूटी। डिफेंस कॉलोनी में वृद्धा से मंगलसूत्र लूटकर भाग रहे बदमाशों की गिरफ्तारी ने निगरानी बदमाशों के गुजर-बसर की जांच की पोल खोल दी।
400 निगरानीशुदा बदमाश
जानकारी के अनुसार जिले में चार सौ के लगभग निगरानीशुदा बदमाश हैं। निर्देश हैं कि निगरानी बदमाशों की सम्बंधित थाने से औचक जांच कर गुजर-बसर देखा जाता है। ताकि, पता चल सके कि अमुक अपराधी
जमानत पर छूटने के बाद क्या कर रहा है। पुलिस को जेल प्रशासन और कोर्ट से सामंजस्य बनाकर इसकी जानकारी भी रखनी होती है कि अमुक बदमाश छूटने वाला है। शहर में 600 के लगभग सजायाफ्ता रह रहे हैं। लेकिन, उनकी भी निगरानी में पुलिस ढीली है। शहर में लगातार चोरी व लूट की वारदातें सामने आने के बाद भी पुलिस निगरानी बदमाशों को लेकर गम्भीर नहीं है।
ये है नियम
हर थाने में निगरानी बदमाशों की अलग से रजिस्टर होता है।
निरीक्षक, बीट प्रभारी व बीट सिपाही को समय-समय पर निगरानी बदमाशों की औचक जांच करनी होती है।
इसमें निगरानी बदमाश की उपस्थिति के साथ आसपास के लोगों से टिप्पणी भी दर्ज करानी होती है।
बदमाश का गुजर-बसर का क्या साधन है। जिला बदर के बदमाश आदेश का पालन कर रहे हैं या नहीं, इसकी भी जांच करनी होती है।
निगरानी बदमाश : हनुमानताल
प्रकरण- लूट, चोरी व जानलेवा प्रकरण के डेढ़ दर्जन मामले
क्या हुआ- सप्ताह भर पहले जेल से जमानत पर छूटा। ताबड़तोड़ बाइक चोरी सहित लूट की तीन वारदातों को साथी राजू थापा के साथ अंजाम दिया।
निगरानी बदमाश : ग्वारीघाट
प्रकरण- लूट, हत्या के प्रयास
क्या हुआ- 07 जून को क्राइम ब्रांच ने बरगी हिल्स के पास से दबोचा। दो साथियों के साथ मिलकर धनवंतरी नगर व तिलवारा में लूट कर चुका था।
निगरानी बदमाश : घमापुर
प्रकरण- लूट, हथियार तस्करी, मादक पदार्थ, हत्या
क्या हुआ- 06 जून को क्राइम ब्रांच ने पिस्टल व तीन कारतूस के साथ दबोचा। पाटबाबा में देवांशु सोनवानी से मोबाइल
छीना था।
Published on:
05 Jul 2018 02:31 pm
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