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साइबर ठगी के आरोपी का पाक कनेक्शन, किराए के खातों से पाकिस्तान भेजता था पैसे

Cyber Crime Pak Connection : बाबूलाल पर आरोप है कि उसने गिरोह के जरिए गरीबों के खाते किराए पर उठाए और उनके जरिए ठगी से प्राप्त धनराशि को पाकिस्तान और श्रीलंका स्थानांतरित किया।

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Cyber Crime Pak Connection

Cyber Fraud Pak Connection : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश पीके अग्रवाल की एकलपीठ ने साइबर ठगी के मामले में आरोपी तमिलनाडु निवासी बाबूलाल उर्फ बब्लू की जमानत याचिका खारिज कर दी। बाबूलाल पर आरोप है कि उसने गिरोह के जरिए गरीबों के खाते किराए पर उठाए और उनके जरिए ठगी से प्राप्त धनराशि को पाकिस्तान(Cyber Fraud Pak Connection) और श्रीलंका स्थानांतरित किया। जमानत का राज्य सरकार की ओर से विरोध करते हुए कहा गया कि भोपाल क्राइम ब्रांच ने शिकायतकर्ता शिवम शर्मा की शिकायत पर 30 अगस्त 2024 को आरोपी को गिरतार किया। शिकायत में बताया गया कि वैभव नामक व्यक्ति ने तीन लाख लोन दिलाने के नाम पर शिकायतकर्ता के ब्लैंक चेक और एटीएम कार्ड लिए।

इसके बाद शिकायतकर्ता के बैंक खाते से धन निकासी होने की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई।

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जांच में सामने आया बड़ा फ्रॉड

जांच में खुलासा हुआ कि वैभव और उसका साथी भोपाल, सीहोर और आष्टा जैसे इलाकों में भोले-भाले लोगों के बैंक खाते किराए पर लेते थे। ऑनलाइन ठगी से प्राप्त धनराशि इन खातों में ट्रांसफर(Cyber Fraud Pak Connection) की जाती थी। बाद में वैभव और उसका साथी इस धनराशि को निकालकर बाबूलाल को भेजते थे। बाबूलाल उस धनराशि को क्रिप्टोकरंसी में बदलकर पाकिस्तान(Cyber Fraud Pak Connection) के गनी बाबा को भेजता था, जिसमें सभी को कमीशन मिलता था।

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मोबाइल ने खोला राज

तमिलनाडु से गिरतार बाबूलाल और उसकी पत्नी के मोबाइल फोन से पाकिस्तान(Cyber Fraud Pak Connection) के गनी बाबा और श्रीलंका के लोगों से बातचीत के प्रमाण मिले। इसके अलावा, कई बैंक खातों की जानकारी भी वाट्सएप के जरिए गनी बाबा को भेजी गई थी। करोड़ों रुपये की इस साइबर ठगी में बाबूलाल की भूमिका को गंभीर मानते हुए कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी।