18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हाईटेक तरीके से बनेंगे डेयरी प्रोडक्ट, पढ़ाई-रोजगार के भी होंगे मौके

कॉलेज ऑफ डेयरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रस्ताव को आईएसीआर की मंजूरी, नए साल पर मिलेगी सौगात, जबलपुर में खोलने बन रही सहमति

2 min read
Google source verification

image

sudarshan@123 kumar

Dec 27, 2016

dairy

dairy

जबलपुर। छात्रों के लिए रोजगार मिलेगा तो डेयरी उद्योगों की स्थापना के लिए योजनाएं तैयार होंगी। किसानों, पशु पालकों के पशुओं की नस्ल सुधर सकेगी। डेयरी प्रोडक्ट में तकनीकी मदद भी मिलेगी। यह सब होगा कॉलेज ऑफ डेयरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना से। अगर सबकुछ ठीक रहा तो नए साल में शहर को इसकी सौगात मिल सकती है। यह मप्र का पहला प्रोजेक्ट होगा।

यह प्रोजेक्ट नानाजी देशमुख वेटरनरी विवि में 122 करोड़ से तैयार होगा। प्रोजेक्ट को इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च काउंसिल द्वारा अनुमति मिलने के बाद राज्य शासन को भेजा गया है। शासन स्तर पर भी प्रोजेक्ट पर सैद्धांतिक रूप से सहमति बनाई जा रही है।

प्रदेश का होगा इकलौता

देश में उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र में डेयरी टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट संचालित हैं। जबलपुर और महाकौशल क्षेत्र में डेयरी व्यवसाय, कृषि को देखते हुए डेयरी साइंस एवं टेक्नोलॉजी के लिए जबलपुर को सर्वाधिक लाभदायक माना जा रहा है। क्योंकि पहले से यहां दुग्ध उत्पादन हो रहा है तो वहीं वेटरनरी विवि, डेयरी फार्म, सांची मिल्क प्लांट, फेडरेशन के साथ विस्तृत भौगौलिक क्षेत्र होना है।

जुलाई तक घोषणा संभव

सूत्रों के अनुसार प्रोजेक्ट को जुलाई 2017 तक अनुमति मिलने की उम्मीद है। इसकी एक बड़ी वजह विवि की मंशा के अनुसार प्रोजेक्ट के तहत नए साल से ही शिक्षण सत्र की शुरुआत की जा सके, इसलिए जबलपुर के अलावा कुछ और शहर भी प्रयासरत हैं। पहली प्राथमिकता वेटरनरी विवि को दी जा रही है।

यह होगी शुरुआत

बीटेक की कराई जाएगी पढ़ाई
30 सीटों का प्रावधान होगा प्रथम वर्ष में
15 करोड़ से बनेगा शिक्षा का नया भवन
आमानाला फार्म हाउस में होगा विस्तार
उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, नहीं जाना पड़ेगा

इनका कहना है कि

डेयरी टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट लाने शासन स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। शासन ने प्रोजेक्ट पर रुचि दिखाते हुए नया प्रस्ताव मांगा था, जिसे भेजा गया है। पूरी संभावना है कि नए वर्ष पर शहर को यह सौगात मिल सकती है।
डॉ. पीडी जुॅयाल, कुलपति नानाजी देशमुख, वेटरनरी विवि

ये भी पढ़ें

image