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#Encroachment रेल पटरियों पर अतिक्रमण: ट्रेन बंद हुई तो रेल ट्रैक पर तान लिए आशियाने

#Encroachment रेल पटरियों पर अतिक्रमण: ट्रेन बंद हुई तो रेल ट्रैक पर तान लिए आशियाने  

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जबलपुर . ट्रेन के हार्न ने जब खामोशी ओढ़ी तो लोगों ने रेल पांत पर ही मकान तान लिए। स्नेह नगर-राइट टाउन-मदन महल के बीच स्थित 8 हजार रुपये वर्गफीट की बेशकीमती सरकारी जमीन पर मनमानी बसाहट जिम्मेदारों को मुंह चिढ़ा रही हैं। इसे रोकने के लिए नगर निगम, जिला प्रशासन, राजस्व विभाग, टेलीग्राफ फैक्ट्री प्रबंसन अथवा रेलवे कोई सुध नहीं ले रहा है। दूसरी और नगर में अवैध कालोनियों के नियमितिकरण की प्रक्रिया जारी है, जिस पर निगम को करोड़ों रुपए खर्च करने होंगे।

रेल लाइन पर हीहो गया कब्जा

टेलीकॉम फैक्ट्री और मदन महल रेलवे स्टेशन के बीच रेल लाइन थी। इससे होकर मालगाड़ी कच्चा माल टेलीकॉम फैक्ट्री पहुंचाती थी। इसी तरह से फैक्ट्री में बना माल इस रेल लाइन से होकर अन्य शहरों के लिए सप्लाई किया जाता था। टेलीकॉम फैक्ट्री का स्वरूप सिमटा तो उत्पादन भी ठप हो गया। इसके साथ ही इस रेल लाइन का उपयोग बंद हो गया और रेल लाइन से लेकर उसके दोनों ओर की कई एकड़ जमीन पर अवैध बसाहट बस गई।

नियमितिकरण जारी

नगर में अवैध कालोनियों के नियमितिकरण की प्रक्रिया जारी है। दो सौ से ज्यादा अधिसूचित अवैध कालोनियों में से 87 कालोनियों का नियमितिकरण किया जा चुका है। इन कालोनियों में अब निगम को पक्की सडक़ों से लेकर ड्रेनेज का निर्माण कराना होगा। यानी निगम पर ये अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। इसका मुख्य कारण नगर में अवैध कालोनियों का निर्माण न रोकना है।

जमीनी स्तर पर तैनात है स्टाफ

निगम से लेकर राजस्व विभाग का स्टाफ जमीनी स्तर पर तैनात है। निगम के राजस्व निरीक्षक से लेकर राजस्व विभाग के पटवारी फील्ड पर रहते हैं जिन्हें अपने क्षेत्र की जमीनों की पूरी जानकारी रहती है। उनकी ड्यूटी भी बनती है कि सरकारी जमीनों पर किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को रोकें और अवैध निर्माण की जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिकारियों को दें।

यह है स्थिति
8 हजार रुपए वर्गफीट से अधिक है भूमि की कीमत
87 अवैध कालोनियों के नियमितिकरण की प्रक्रिया पूरी
224 अवैध कालोनियां पहली सूची में की गई थी अधिसूचित
206 के लगभग कॉलोनी दूसरी सूची में की गईं अधिसूचित

टेलीकॉम फैक्ट्री से मदन महल स्टेशन के बीच रेल लाइन की जमीन वर्तमान में किस विभाग के स्वामित्व की है, इसकी जानकारी लेकर उसे सुरक्षित करने का कदम उठाया जाएगा।
- दीपक सक्सेना, कलेक्टर