जबलपुर। क्षेत्रीय बस स्टैंड परिसर की बेशकीमती जमीन पर बेजा कब्जा हो गया है। पूरा परिसर कारखाने में तब्दील हो गया है। यहां पूरे दिन बसों की मरम्मत होती है। हालात यह हैं कि शहर में डोर-टू-डोर कचरा उठाने वाली कम्पनी के वाहन भी यहीं पार्क किए जा रहे हैं।
दीनदयाल चौक स्थित आईएसबीटी से बसों का संचालन चालू होने पर फरवरी 2016 में क्षेत्रीय बस स्टैंड को नगर निगम और जिला प्रशासन ने खाली कराया था। बस स्टैंड नगर निगम के स्वामित्व में है। शहर के बीच करीब तीन एकड़ क्षेत्र में फैले इस परिसर का व्यावसायिक उपयोग न होने से यहां कब्जे की होड़ शुरू हो गई है। वर्तमान में पूरे परिसर में वर्कशॉप चल रहा है। बसों की मरम्मत करने वाले मिस्त्री अब पूरे परिसर का व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं। इसके एवज में निगम के खजाने में एक फूटी कौड़ी भी नहीं आ रही है। परिसर में ही गिट्टी व रेत भी डम्प हो रही है। पत्रिका ने परिसर के हालात की पड़ताल की तो मौके पर 12 मिस्त्री बसों की मरम्मत करते मिले। मौके पर 17 बसें मरम्मत के लिए खड़ी थीं।
व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनाने की थी तैयारी
बसों की शिफ्टिंग के बाद निगम ने परिसर को व्यावसायिक कॉम्पलेक्स में तब्दील करने की योजना बनाई थी। 155 करोड़ की लागत से यहां पीपीपी मॉडल पर बहुमंजिला भवन बनाने की योजना थी। इसमें होटल व दुकानों के साथ अन्य व्यावसायिक गतिविधियां संचालित होती। इसके डीपीआर की फाइल धूल फांक रही है।
टंकी के पास होती है धुलाई
बस स्टैंड परिसर में यात्रियों की सुविधा के लिए टंकी बनाई गई थी। बसों की शिफ्टिंग के बाद यहां बसों की धुलाई हो रही है। वर्कशॉप में बसों की मरम्मत के बाद यहां धुलाई की जाती है।
डिंडोरी, सिहोरा रूट की बिठाते हैं सवारी
संचालन प्रतिबंधित होने के बाद भी कई ऑपरेटर परिसर में बसों की बुकिंग कर रहे हैं। मौके पर डिंडौरी, सिहोरा आदि रूट की चार बसों में सवारी बैठाई जा रही थी। मुख्य सड़क की तरफ दर्जन भर चाय-पान व फल के ठेले वालों ने कब्जा कर लिया है।