ये भी पढें – पश्चिमी विक्षोभ का असर, दिन में चुभने लगी धूप, रात में गुलाबी ठंडक आदित्य नारायण पाण्डेय की ओर से दायर याचिका में शिकायत उठाई गई थी कि ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों(EWS candidates age relaxation) को आयु सीमा में कोई छूट नहीं दी जा रही, अन्य आरक्षित श्रेणियों जैसे एससी-एसटी, ओबीसी और महिलाओं को छूट मिल रही है। याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि कोर्ट ने हाल ही में एक अन्य परीक्षा के संबंध में इसी प्रकार का आदेश जारी किया था, इसलिए याचिकाकर्ता के साथ ही ईडब्ल्यूएस कोटे के अभ्यर्थियों को आयुसीमा में छूट दी जानी चाहिए। इस पर कोर्ट ने सहमति जताई।
बाकी उम्मीदवारोंको भी लाभ
शुक्रवार को सुनवाई(UPSC Exam 2025) में सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। अदालत ने दो सप्ताह का समय दिया। आवेदन की समय सीमा देख कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रतिवादी संख्या 3-संघ लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया जाता है कि वह याचिकाकर्ता के साथ-साथ अन्य सभी समान स्थिति वाले उम्मीदवारों के आवेदन को मौजूदा योग्यता या आयु के संदर्भ के बिना सीएसई-2025 के लिए स्वीकार करे, लेकिन अन्य शर्तों के अनुपालन के अधीन आवेदन आदेश दिनांक से सात दिन तक उपरोक्त शर्तों पर स्वीकारे जाएंगे। अदालत के आगे के आदेशों के अधीन होंगे।
शीर्ष कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने की छूट दी थी
याचिकाकर्ता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर पहले सुप्रीम कोर्ट(UPSC Exam 2025) का दरवाजा खटखटाया था, जिसने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने की छूट दी गई थी। मामले में उपस्थित एक वकील ने बताया कि इसके बाद याची ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और केंद्रीय सूची में ओबीसी उम्मीदवारों को दी गई छूट के समान ऊपरी आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट की मांगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसे उम्मीदवारों के लिए नियुक्ति आदेश उसकी अनुमति के बिना जारी नहीं किए जाएंगे। मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की गई है।