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सेट पर कार से आते थे मुर्गे, उन्हें नहलाना मुश्किल टास्क था

सिटी प्राइड - दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल में सिलेक्ट हुई जबलपुर में बनी फिल्म

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जबलपुर

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Neha Sen

Jul 06, 2022

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प्लस रिपोर्टर,जबलपुर. ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने के बाद वेब सीरीज़ और शॉर्ट फिलम्स का प्रचलन बढ़ा है। इसके कारण युवा वर्ग अब मुम्बई ना जाकर अपने-अपने शहरों में ही फिल्मों को शूट करके हुनर दिखा रहे हैं। उनके द्वारा तैयार की गई फिल्में भी ओटीटी में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहीं हैं। फिल्म जगत में ऐसी ही पहचान जबलपुर के चक्रेशहार सिंह सूर्या को मिली है। लाइन प्रोड्यूसर के तौर पर शूट की गई उनकी फिल्म दादा साहब फाल्के फिल्म फेस्टिवल में सिलेक्ट हुई। शूटिंग में कुछ मुर्गों की ज़रूरत थी, जिन्हें रोज़ सेंटर से शूटिंग लोकेशन पर कार से लाना ले जाना पड़ता। इन्हें शूटिंग पर लाने से पहले नहलाना भी होता था।

स्थानीय लोगों को चुनाचक्रेशहार सिंह सूर्या का कहना है कि इस फिल्म में स्थानीय लोगों के साथ प्रदेश के कलाकार भी शामिल हैं। यह सभी की मेहनत है कि फिल्म दादा साहब फाल्के फिल्म फेस्टिवल में चयनित हुई। चक्रेशहार सिंह सूर्या ने शॉर्ट फिल्म को न सिर्फ शहर में शूट किया, बल्कि फिल्म में अभिनय करने के साथ-साथ वॉइस ओवर भी दिया। कशमल नामक इस शॉर्ट फिल्म का लेखन-निर्देशन रैपुरा के सुजय जैन ने किया। फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज़ भी कर दिया गया है।

फिल्म में गरुण पुराड़ की सजाफिल्म का टाइटल कशमल गरुड पुराण में उल्लेखित एक सज़ा का जिक्र करता है। जबकि फिल्म की कहानी एक लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है जो एक सोसाइटी में अकेले रहती और चाइल्ड अब्यूज़ का भी शिकार हो चुकी है। फिल्म की एडिटिंग अविनाश अवस्थी ने की है।