
gas cylinder blast
जबलपुर। रिहायशी इलाकों में गैस सिलेंडर अवैध तरीके से स्टॉक किए जा रहे हैं। इनकी कालाबाजारी भी जमकर हो रही है। कार्रवाई तो दूर, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग झांकने भी नहीं पहुंच रहा। लगातार हो रहे बड़े हादसों से शहर दहल रहा है, लेकिन जिम्मेदार नहीं चेत रहे हैं। पिछले साल ही एक सिलेंडर फटने से परिवार सहित पड़ोस के तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो चुकी है। बावजूद लोग सीख लेने के दुर्घटनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। इससे बड़ी जनहानि का खतरा है। अवैध तरीके से रसोई गैस सिलेंडर बल्क में मिलने से होटल, के टरर्स व एलपीजी गैस से वैन चलाने वालों की चांदी है, पर शहरवासियों पर बड़े हादसे का खतरा मंडरा रहा है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने अवैध कारोबार करने वालों पर कार्रवाई तो दूर पिछले कई महीनों से रूटीन जांच भी बंद कर दी है।
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अब तक ये हादसे हुए
बम की तरह फू ट रही थीं बैटरी-करमेता में 30 मार्च 2016 को रिहायसी इलाके में भीषण आग लगी थी। एक ही भवन में बिस्किट, तेल, बैटरी का गोदाम था।
7 ने गंवाई थी जान- गंगा सागर के सिंगरहा मोहल्ला में 2016 में रसोई गैस सिलेंडर में लीकेज से हुए ब्लॉस्ट से सिंगरहा परिवार व पड़ोस के तीन परिवारों के १२ लोग झुलस गए थे। इनमें से 7 की मौत हो गई थी।
बमों ने दहला दिया था शहर- 27 मार्च को ओएफके के फिलिंग-२ सेक्शन की मैगजीन में लगी आग ने पूरे शहर को दहला दिया था। यहां कई वर्षों से एक्सपायरी डेट के बम रखे थे। बम फटने से हुए धमकों से पूरा शहर दहल गया था।
पार्किंग में किचिन
शहर के कई होटल, रेस्टोरेंट व कॉफी हाउसों में अंडर ग्राउंड पार्किंग के साथ ही किचिन भी संचालित हो रहे हैं। इन पार्किंग स्थलों में बड़ी संख्या में दोपहिया व चार पहिया वाहन पार्क होते हैं। इसी दौरान रसोई गैस के कई सिलेंडर भी किचिन में रखे होते हैं।
बस्तियों में गोदाम
बलदेवबाग, उखरी, दीक्षितपुरा, गलगला, नया मोहल्ला, रद्दी चौकी, अधारताल, विजय नगर में बस्तियों के बीच ज्वलनशील पदार्थों के गोदाम हैं। तेल, टायर, बैटरी के गोदाम कापहुंच मार्ग इतना संकरा है कि आग लगने पर दमकल वाहनों का पहुंचना मुश्किल हो जाता है।
शहर के बीच लकड़ी के टॉल
मदनमहल, आमनपुर, गुलौआ, हाथीताल कॉलोनी के आसपास लकड़ी के १५० से ज्यादा छोटे-बड़े टॉल हैं। इनमें से कई टॉल में भीषण आग लग चुकी है, जिसे बुझाना मुश्किल होता है।
सभी रसोई गैस एजेंसियों के गोदाम, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, केटरर्स के प्रतिष्ठानों की जांच के निर्देश दिए हैं। गड़बड़ी मिलने पर तत्काल कार्रवाई कर प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
- महेशचंद्र चौधरी, कलेक्टर
यहां वाहनों में भरी जाती है रसोई गैस
मदनमहल लिंक रोड, गेट नंबर-4 (रामगढ़), अंडरब्रिज के समीप, एमएलबी, घमापुर, दीनदयाल चौक आदि जगहों पर अघोषित रूप से रसोई गैस भरने वाले रिफिलिंग सेंटर खुल गए हैं। इन जगहों पर कारों सहित सर्वाधित ऑटो वाले गैस भरवाने आते हैं। इनमें ऑटो वाले दो से तीन किलो गैस भरवाते हैं, जबकि कार वाले पूरा सिलेंडर गैस लेते हैं। जानकारों ने बताया कि प्रति सिलेंडर 870 रुपए दाम लिया जाता है। इसमें वाहन मौके पर ले जाना होता है जहां टुल्लू पंप से जुगाड़ से तैयार किए गए यूनिट का एक सिरा रसोई गैस सिलेंडर और दूसरा सिरा वाहन के फ्यूल टैक से जोड़ा जाता है। ऑटो में गैस डालने में पांच से सात मिनट ही लगते हैं, जबकि कारों में यही समय 15-20 मिनट का लगता है।
हो चुके हैं हादसे
- एमएलबी के समीप गैस भरने के दौरान आग भड़क उठी थी, जिसमें कार भी आग की चपेट में आ गई थी।
- लिंक रोड पर अचानक रसोई गैस का सिलेंडर लीक होने लगा, जिसे मौके से अलग किया गया था।
- रामगढ़ में घर के अंदर सिलेंडर का वॉल्व लीक हुआ था, जिससे यह कारोबार गली में किया जाने लगा।
- मेडिकल कॉलेज के समीप व सिविक सेंटर में चलती कार में अचानक आग लग गई थी। लोगों ने आग बुझाई।
(इन सभी वाहनों में रसोई गैस भरी थी। ये घटनाएं वर्ष २०१५-१७ के बीच की है।)
Updated on:
12 Aug 2017 10:47 am
Published on:
12 Aug 2017 09:20 am
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