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नॉन ब्रांडेड दाल दलहन पर जीएसटी से छोटे व्यापारियों पर संकट आएगा

मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कामर्स ने वित्त मंत्री को लिखा पत्र, देश व्यापी विरोध हो

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Home remedies to protect pulses from insects in rainy season

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जबलपुर

नॉन ब्रांडेड दाल दलहन और अन्य जीवन उपयोगी खाद्यान्न मोटा अनाज सहित अन्य पदार्थों पर प्रस्तावित 5 प्रतिशत जीएसटी का आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाने की मांग मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कामर्स ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर की है। चेम्बर ने आदेश वापस नहीं लेने पर देश व्यापी विरोध की बात कही है।फेडरेशन ऑफ मध्य प्रदेश चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने कहा कि सरकार के इस कदम से महंगाई दर में इजाफा होगा साथ ही छोटे व्यापारियों पर भी संकट आएगा। खरे ने कहा नॉन ब्रांडेड दलहन जिसमें तुवर, मूंग, उड़द, मसूर, चना इत्यादि और अन्य जीवन उपयोगी खाद्यान्न मोटा अनाज सहित अन्य खाद्य पदार्थों पर दिनांक 18 जुलाई 2022 से 5 प्रतिशत जीएसटी लगाना प्रस्तावित किया गया है । चेम्बर ने कहा सरकार के इस अनुचित फरमान से देश के संबंधित उद्योग व्यापार चौपट हो जाएंगे खरे ने कहा कि वर्ष 2017 में जीएसटी लागू करते समय केंद्र सरकार ने स्पष्ट आश्वासन दिया था की सभी प्रकार की दालों और मोटा अनाज सहित अन्य खाद्य पदार्थों को जीएसटी के दायरे से मुक्त रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत में 85% छोटे उद्योग तथा व्यापारी बड़े शहर तथा गांवों में नॉन ब्रांडेड खाद्यान्न का व्यापार करते हैं जिस पर अभी जीएसटी लागू नहीं है। जीएसटी लागू करने के बाद इस क्षेत्र के लगभग 5 करोड़ खुदरा व्यापारी इस व्यवसाय से धीरे धीरे बाहर हो जाएंगे तथा खाद्यान्न पदार्थों पर बड़ी कंपनियों का एकाधिकार हो जाएगा। फेडरेशन के कार्यसमिति सदस्य राजीव अग्रवाल, अरुण पवार, अमरप्रीत छाबड़ा आदि ने केंद्र सरकार से तत्काल प्रभाव से मांग की है की देश हित में उक्त 5 प्रतिशत जीएसटी को तत्काल प्रभाव से वापिस लिया जाये।