दरअसल, अवैध कॉलोनियों को वैध करने के आदेश को मध्य प्रदेश नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की तरफ से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया है कि, सरकार के इस कदम से न सिर्फ शहर में अवैध कॉलोनियों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि इससे अव्यवस्थाएं भी बढ़ेगी। इस संबंध में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव का कहना है कि, सरकार के इस फैसले से उन लोगों को नुकसान होगा जो सरकार के सारे नियमों के साथ रेरा जैसी संस्थाओं का न सिर्फ पालन करते हैं, बल्कि एक कॉलोनी बनाने के पहले सरकार के खजाने में तमाम टैक्स के नाम पर एक मोटी रकम जमा करते हैं।
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आमजन को होगा इसका नुकसान
उन्होंने ये भी कहा कि, सरकार के इस कदम से अवैध कालोनियां की संख्या बढ़ेगी, जिनमें न तो बिजली की व्यवस्था होगी, ना नाली की व्यवस्था होगी, ना साफ पीने का पानी होगा। इसका खामियाजा आने वाले दिनों में जनता को भुगतना पड़ेगा।
2021 में सरकार ने लाया था नोटिफिकेशन
आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने साल 2021 में एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा था कि, मध्य प्रदेश के तमाम अवैध कॉलोनी को वैध किया जाएगा। सरकार के इस कदम से जहां अवैध कॉलोनी में रहने वाले लोगों में खुशी है तो वहीं, दूसरी तरफ उन कॉलोनाइजर और बिल्डरों को नुकसान पहुंचेगा, जो सरकार के नियम कानूनों का पालन करते हुए कॉलोनिया डेवलप करते हैं।
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