historical signs : शहर की ऐतिहासिक विरासतों व पहचान अधिकारियों की मनमानी की भेंट चढ़ रही हैं और शायद ये सिलसिला आगे भी चलता रहेगा। ऐतिहासिक जमतरा रेलवे पुल को बचाने पिछले एक पखवाड़े से पत्रिका और शहर के लोग अभियान चला रहे थे, प्रयास ये था कि एक पहचान बची रहे, लेकिन बुधवार को इसे ढहा दिया गया। यह पहला मामला नहीं है जब शहर की पहचान को खत्म किया गया है। इसके पहले भी जनप्रतिनिधियों की उदासीनता और अधिकारियों की मनमानी ने कई विरासतें और पहचान को यादों में पहुंचा दिया है।
शहर में नर्मदा जल आने की खुशी व समृद्धि को दर्शाने के प्रतीक के तौर पर नगर निगम मुख्यालय के सामने चौराहे पर पनिहारिन और तीन पत्तियां बनाई गई थीं। जो आगे चलकर इस क्षेत्र की पहचान बन गई। आज भी यह चौराहा तीन पत्ती चौक के नाम से ही प्रसिद्ध है। डेढ़ दशक पहले विकास के नाम पर इसे मिटा दिया गया। विरोध हुआ तो दूसरी पत्तियां लगाई गईं लेकिन वे पहचान नहीं बन पाईं।
मजदूरों के सम्मान और समाज की मुख्यधारा में उनके योगदान को प्रतीक के तौर पर मदन महल चौराहे पर मजदूरों की प्रतिमाएं तैयार कराई गईं थीं। चूंकि यहां पहले से ही मजदूर खड़े होकर रोजाना अपने काम की तलाश मे एकत्रित हुआ करते थे। तो उन्हें और उनकी मेहनत को ये मूर्तियां समर्पित की गईं थीं। यहां भी बिना सोचे समझे अधिकारियों ने विकास के नाम पर मूर्तियां हटा दीं।
शहर के मुख्य बाजारों में बड़ा फुहारा और छोटा फुहारा अपनी एक खास पहचान रखते हैं। इनके मूल फुहारा अधिकारियों की हठधर्मिता और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते इन्हें हटा दिया गया। पुराना बड़ा फुहारा की खूबसूरती देखते ही बनती थी। उसकी नक्काशी व बनावट अपने आप में एक अलग ही शैली को दर्शाती थी। वहीं छोटा फुहारा चौराहा चौड़ीकरण के नाम पर जमींदोज कर दिया गया। स्थानीय विरोध को दरकिनार कर अधिकारियों ने मनमानी की और इसका अस्तित्व ही मिटा दिया। विधायक विनय सक्सेना ने इसकी पहचान लौटाई और इसे पुन: स्थापित कराया।
छोटी लाइन को जब हटाकर ब्रॉडगेज में बदला जा रहा था तब इसे गौरीघाट से एक ऐतिहासिक ट्रेन बनाकर चलाने के लिए प्रस्ताव रखा गया था। किंतु यहां भी जनप्रतिनिधियों की मौन स्वीकृति और अधिकारियों की हठधर्मिता हावी रही। कुछ ऐसा ही जमतरा पुल के साथ हुआ है, जहां खुलकर एक भी जनप्रतिनिधि सामने नहीं आया और तोडऩे वाले ने सीधे पिलर ही गिरा दिया। ताकि विरोध के चलते उसका नुकसान न होने पाए
Published on:
13 Jun 2025 11:47 am