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जबलपुर। जज्बा और उत्साह हो तो उम्र मायने नहीं रखती। इस कहावत को जबलपुर की 60 वर्षीय रेनू चतुर्वेदी ने सही साबित किया है। उनका वजन 106 किलो था। हार्निया, थॉयराइड, हाई डायबिटिक की शिकार और मानसिक व शारीरिक कमजोर थी। लेकिन उनकी सोच और दृढ़ इच्छाशक्तिने पावर लिफ्टिंग में नेशनल चैम्पियन बना दिया। वे एक रोल मॉडल बन चुकी हैं, उन महिलाओं के लिए जो खुद को कमजोर समझती हैं। सरकारी जॉब करने वाली 60 वर्षीय रेनू चतुर्वेदी का मई 2018 में 106 किलो वजन था। डॉक्टरों ने उन्हें जिम ज्वाइन कर हेल्दी रहने की सलाह दी। ट्रेनर ने उन्हें बताया कि वे एक रोल मॉडल बनकर दुनिया को दिखा सकती हैं।
रेनू ने बताया कि जब उन्होंने जिम की शुरुआत की तब लोग मजाक उड़ाते थे, लेकिन लगातार मेहनत की और 9 महीने में 106 से 68 किलो वजन कर लिया। उन्होंने बताया कि जिम के दौरान सबसे ज्यादा पावर लिफ्टिंग कराई जा रही थी। फिर मैंने लगातार प्रैक्टिस की। रेनू ने पहली बार 2020 में पहली बार पावर लिफ्टिंग में हाथ आजमाने का विचार किया और डिस्ट्रिक्ट लेबल पर गोल्ड मेडल जीत लिया। गाजियाबाद में आयोजित नेशनल चैम्पियनशिप में रेनू चतुर्वेदी ने गोल्ड जीता और उनका सिलेक्शन अंतरराष्ट्रीय पावर लिफ्टिंग में मॉस्को जाने के लिए हुआ, लेकिन लॉकडाउन के कारण वे नहीं जा सकी। वे महिलाओं को अब मोटिवेट कर उनमें ऊर्जा संचार कर रही हैं।
Published on:
09 Nov 2020 09:25 pm
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