
Gwarighat Narmada
जबलपुर। ग्वारीघाट को पवित्र क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद वहां प्रशासनिक व्यवस्थाओं ने दम तोड़ दिया है। सफाई कर्मियों की निगरानी के अभाव में लोग मनमानी पर उतर आए हैं। नर्मदा घाट पर जगह-जगह गंदगी पसर रही है। एक्सपोज लाइव में यह सामने आया है कि घाट पर जगह-जगह पॉलीथिन फेंकी जा रही है। घाट से ही बस्ती की निकासी जोड़ दी गई है। निकासी के पानी की वजह से दुर्गंध फैल रही है। दरोगाघाट से लेकर उमाघाट तक नर्मदा तट के किनारे कचरे की वजह से दलदल बन रहा है। ग्वारीघाट की व्यवस्थाओं की लाइव रिपोर्ट...।
नर्मदा तट ग्वारीघाट को नगर प्रशासन ने पवित्र क्षेत्र घोषित किया है। पवित्र क्षेत्र घोषित होने के साथ ही यहां पॉलीथिन को प्रतिबंधित किया है। यहां साफ-सफाई के लिए विशेष व्यवस्था की है। बस्ती से आने वाले पानी के लिए फिल्टर प्लांट लगाया गया है। नियमित रूप से नर्मदा आरती के लिए उमाघाट पर विशेष व्यवस्था की है। पवित्र क्षेत्र में यह प्रशासनिक व्यवस्थाएं की गई हैं लेकिन हकीकत में इन व्यवस्थाओं का दम निकल चुका है। आलम यह है कि यहां पॉलीथिन पर प्रतिबंध का कोई असर नहीं है। जगह-जगह कचरा और गंदगी फैली हुई है। बस्ती से आने वाला पानी को फिल्टर करने में खानापूर्ति की जा रही है। उमाघाट पर आरती स्थल पर सफाई की कमी है।
ये था नजारा
खारीघाट पर लोग साबुन लगाकर स्नान कर रहे थे, जबकि साबुन लगाने पर रोक लगाई गई है।
विसर्जन घाट पर नौकाएं खड़ी थीं, जिसमें लाइफ जैकेट नहंी था।
दरोगाघाट पर जगह-जगह पॉलीथिन और कचरा फैला हुआ था।
दरोगाघाट और उमाघाट के बीच घाट के किनारे टूटे हुए थे।
उमाघाट पर सफाई नहीं थी।
यहां सफाई कर्मी मनमाने ढंग से आते हैं। कभी तो एक साथ आते हैं लेकिन कभी तो इनका पता ही नहीं रहता।
कमल, नाविक
सफाई कर्मी आते हैं लेकिन यहां लोगों भी को जागरूक होना चाहिए। चोई की वजह से नर्मदा का पानी खराब हो रहा है।
पं. चंद्रभूषण उपाध्याय, तलवार वाले
ग्वारीघाट में सफाई कर्मी लगाए गए हैं। यहां चार-पांच कर्मचारी हैं, जो शिफ्ट में काम कर रहे हैं। यदि वहां इसके बाद भी सफाई में कमी है तो आदमी बढ़ाए जाएंगे।
जीएस चंदेल, प्रभारी, स्वास्थ्य विभाग
Published on:
25 Feb 2019 08:23 pm
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