
Howrah-Mumbai Mail and Pawan Express run at the speed of the bullet train
जबलपुर। देश में बुलेट ट्रेन की नींव रखें जाने के बाद भारतीय रेल भी फर्राटा भरने लगी है। रेलवे ने जिस ट्रैक पर ट्रेनों की गति 30 किमी प्रति घंटा निर्धारित की है उस ट्रैक पर ड्राइवर गाड़ी को 80-100 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ा रहे है। ऐसा ही कुछ पश्चिम मध्य रेल के जबलपुर-कटनी रेल ट्रैक पर हुआ। जहां, हिरन नदी के पुल और कटनी-पटवारा के बीच कॉशन ऑर्डर लागू होने के बावजूद हावड़ा-मुंबई मेल और पवन एक्सप्रेस 80 और 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजर गई। कॉशन तोड़कर ट्रेन के फर्राटा भरने से उसमें सवार हजारों यात्रियों की जान सांसत में रही। मामला सामने आने के बाद इसके लिए प्रारंभिक रूप से जिम्मेदार ठहराए गए चार अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर दिया गया है।
मेल की हिरन पुल पर तेज रफ्तार
जानकारी के अनुसार हावड़ा से मुंबई जा रही १२३२१ अप मेल के चालक ने सिहोरा के पास हिरन नदी के ब्रिज पर कॉशन ऑर्डर लागू होने के बावजूद रविवार को ८० किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टे्रन निकाली गई थी। मामला सामने आते ही मंडल रेल प्रशासन ने जांच शुरू कराई। जांच में सामने आया कि सतना से टे्रन लेकर निकले लोको पायलट को वहां के डिप्टी एसएस प्रवीण कुमार सिंह ने कॉशन ऑर्डर लागू होने की जानकारी नहीं दी थी।
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हवा से बातें करती गुजरी पवन एक्सप्रेस
कटनी-पटवारा के बीच बीते गुरुवार को 30 किमी की रफ्तार का कॉशन ऑर्डर लागू था। इसके बावजूद मुजफ्फरपुर-एलटीटी पवन एक्स. 100 किमी की रफ्तार से चलाई गई। इसके चलते ट्रेन हादसे का शिकार होने से बच गई। इस मामले की जांच में कटनी स्टेशन में सुपरिटेंडेंट और डिप्टी एसएस की लापरवाही सामने आयी है।
लापरवाही पर ये अधिकारी संस्पेंड
पमरे ने कॉशन आर्डर के उल्लंघन का मामला सामने आते ही तत्काल जांच कमेटी का गठन किया। इस कमेटी की जांच में ट्रेनों को अधिक रफ्तार से निकाले जाने के मामले में कटनी के स्टेशन सुपरिंटेंडेंट संजय दुबे, डिप्टी एसएस राजेश कुमार, ट्रैफिक इंस्पेक्टर एएस चौबे और डिप्टी एसएस प्रवीण कुमार सिंह दोषी पाए गए है। इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
Published on:
19 Sept 2017 11:35 am
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