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पुलिस की संवेदनशीलता पर आईजी ने दी ये हिदायत, देखें वीडियो

बेबाक बोले आईजी अनंत कुमार सिंह

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IG instruction on sensitivity of police

IG instruction on sensitivity of police

जबलपुर। पीडि़त पक्ष को न्याय दिलाना हमारा प्रयास होना चाहिए। कोई भी सूचना, जिसमें समाज के कमजोर वर्गो के प्रति अपराध घटित हुआ हो, उस पर त्वरित कार्रवाई करें। इसके लिये आप जब आत्मा से संवेदनशील होगें तभी पीडि़त को संतुष्टि मिलेगी। गुरुवार को कंट्रोल रूम में आयोजित दो दिवसीय जोन स्तरीय कार्यशाला का आईजी अनंत कुमार सिंह ने शुभारम्भ किया। इस अवसर पर आईजी ने कहा कि कमजोर वर्ग के मामलों में चालान पेश करने के बाद फॉलोअप करते हुये अपराधी को सजा दिलाने का उद्देश्य होना चाहिए। राहत प्रकरणो में त्वरित कार्रवाई करते हुए पीडि़त को राहत राशि भी दिलाएं।


कमजोर वर्ग के लिए रहें संवेदनशील
आईजी सिंह ने कहा कि कार्यशाला का विषय 'समाज के कमजोर वर्गो के प्रति संवेदनशीलताÓ महत्वपूर्ण है। भारतीय दण्ड संहिता के अलावा सामाजिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए कानून बनाये गये है। पुलिस को समाज में व्यवस्था स्थापित करने के लिये व्यापक अधिकार दिए गए है। कार्यशाला में विशेषज्ञों के द्वारा महत्वपूर्ण जानकारियां दी जाएंगी। अपने फील्ड के अनुभवकों को भी शेयर कर शंका का निवारण कर सकते हैं।

अनुभवों को बांटें
आईजी ने कहा कि इस प्रशिक्षण में जो भी सीखें उसे अपने थानों के अधिकारी व कर्मचारियों को भी बताएं। कार्यशाला में जोन के 42 टीआई व एसआई प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस अवसर पर एसपी अमित सिंह, जिला अभियोजन अधिकारी संदीप पांडे, डीएसपी अजाक सुरेखा परमार सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यशाला में ये बताया गया

- एससी-एसटी एक्ट संशोधित अधिनियम 26 जनवरी 2016
- अनुसंधान में भौतिक साक्ष्यों का महत्व और संकलन
- अभियोजन के परिप्रेक्ष्य में विवेचना में हुई त्रुटियों का निराकरण
- बच्चों व किशोर पर घटित अपराध की जानकारी
- पास्को एक्ट व महिला सशक्तिकरण से सम्बंधित योजनाओं की जानकारी
- प्रथम सूचना लेखन आदि

इस मौके पर पुलिस अधीक्षक जबलपुर अमित सिंह, उप पुलिस अधीक्षक जबलपुर सुरेखा परमार, के अलावा जबलपुर जोन के जिलों से आये, उप निरीक्षक एवं निरीक्षक स्तर के 42 अधिकारी कार्यशाला में उपस्थित थे।