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नाना को गोद में लेकर पहुंची नातिन, बात सुनकर कलेक्टर की आंख में आए गए आंसू

कलेक्टर से लगाई मदद की गुहार, बनना चाहती है नाना की सहारा

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innocent story of grand daughter

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जबलपुर. दादा-दादी और नाना-नानी अपने नाती-नातिन से प्यार जताते हैं। नाती-नातिन भी उनका उतना ही ख्याल रखते हैं, कुछ ऐसे युवा भी हैं जो उनका सहारा बनने के लिए जतन कर रहे हैं। मंगलवार को कुछ एेसा ही नजारा देखने को मिला। एक युवती अपने बुजुर्ग, चलने में अस्मर्थ नाना को गोद में लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची। जब दोनों ने अपनी बात कलेक्टर के सामने रखी तो वहां मौजूद लोग भावुक हो गए। कलेक्टर की आंखें भी नम सी हो गईं। उन्होंने उचित मदद का आश्वासन दिया है।

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छोटे कद-काठी की दुबली-पतली युवती जब बुजुर्ग को गोद में लिए पहुंची तो सब बस देखते ही रह गए। अपने नाना दशरथ नामदेव को लेकर कलेक्टर के पास पहुंची १९ साल की आरती पटले ने बताया वह नाना के बुढ़ापे का सहारा बनना चाहती है। उन्हें ढेर सारी खुशियां देना चाहती है। नाना उसके गुरु , मार्गदर्शक हैं। उनके ही मार्गदर्शन में १२वीं तक पढ़ाई की, सिलाई करना सीखा। अब आत्मनिर्भर बनना चाहती है। नाना ने उसे बताया कि लोन लेकर वह खुद का व्यवसाय शुरू कर सकती है। फिर वे उसके साथ जिला उद्योग केन्द्र भी गए। बुटीक खोलने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लोन के लिए कई बार आवेदन भी किया, लेकिन लोन नहीं मिला।

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मिला मदद का भरोसा
कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी ने दोनों की बात ध्यान से सुनी और सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक प्रक्रिया कराने तत्काल निर्देशित किया। आरती ने बताया उसके अंदर आज जो आत्मविश्वास है वह नाना क ी ही बदौलत है। उसके पिता चतुर्भुज व मां सिया सिवनी में रहते हैं। वह जबलपुर में रहकर नाना की देखभाल करती है।

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